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*अब पुलिस महकमे को क्या इनाम मिलेगी ? लापरवाही बेतिया जिला पुलिस अंतर्गत शिकारपुर पूर्व थानाध्यक्ष का !*

 


_ठाकुर रमेश शर्मा -(मानवाधिकार एवं अपराध विशेष रिपोर्टर)_

_रामनगर पुलिस अनुमंडल_

_दिनांक:-12-02-2023_


            (भ्रष्टाचार फाइल )

सर्व विदित है कि विगत दिनों 06- 6-2022 को शिकारपुर थाना क्षेत्र के बनवरिया निवासी मनोज शर्मा - पिता पारस शर्मा को कुछ दबंग अपराधियों ने अपहरण कर लिया जिसके उपरांत मनोज शर्मा के परिजनों ने शिकारपुर पुलिस सहित एसडीपीओ कुंदन कुमार को आवेदन दिया। 

परंतु काफी जद्दोजहद के उपरांत शिकारपुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष अजय कुमार ने केस तो दर्ज कर लिया जो केस संख्या 474/2022, दिनांक 10/06/2022 है और घटना की तिथि 06/06/2022 है जिसमे शिकायतकर्ता सनोज शर्मा है। इसमें मुख्य रूप से धारा 365/120B है। केस तो दर्ज हो गया परंतु डीएसपी कार्यालय नरकटियागंज के द्वारा पीड़ित परिजनों से काफी मोटी रिश्वत की मांग होने लगी एवं डीएसपी कुंदन कुमार ने कभी इस थाना अपहरण प्रकरण में बिना लक्ष्मीनारायण के संज्ञान नहीं लिया। हार- थककर पीड़ित परिवार ने औकात के हिसाब से रिश्वत दे भी दे फिर भी आरोपियों के विरुद्ध कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई,मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

इस केस का भी वही हाल रिश्वत के बल पर हुआ है जो नरकटियागंज के प्रमुख व्यवसायी राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड का हुआ।खचाखच भरी बाजार से थाने के कुछ ही दूरी पर यह हत्या हुआ है परंतु कुंदन कुमार डीएसपी ने अपने सूक्ष्म जांच के पहलुओं पर अब तक नहीं गए हैं, बहुत से लोगों का मोबाइल कॉल डिटेल नहीं निकला है जो अनेकों सवालों को जन्म देता है तथा इस घटना का मुख्य आरोपी जो लखनऊ में फिरदौस अंसारी एवं प्रियंका का सरेंडर होना और उन्हें बेतिया पुलिस द्वारा रिमांड नहीं लेना है भी अनेकों सवालों को जन्म देती है।

हालांकि कम भ्रष्टाचारी तो लखनऊ पुलिस भी नहीं है, क्योंकि उसने भी इतने बड़े केस के आरोपियों को रिमांड पर क्यों नहीं लिया है इसका जवाब तो उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस महानिदेशक भी नहीं दे पाएंगे।

   भइया भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस तो बिहार की हो या उत्तर प्रदेश की हो या पंजाब,असम, सहित भ्रष्टाचार के मामलों में कमोवेश हिमालय से कन्याकुमारी तक एक रवैया,चाल - ढाल,रुतबा है इसीलिए तो इनके बच्चों का चाल- चलन,शिक्षा- दीक्षा पिता के आमद(परसेंटेज) पर निर्भर हो जाता है जिसकी बानगी है राजेश हत्याकांड।

          अब कुंदन कुमार सूक्ष्म बिंदुओं को अनुसंधान का हिस्सा नहीं बना रहे हैं। जैसे बनवरिया के मनोज शर्मा अपहरण कांड का आरोपी अपनी मर्जी से अपने सुविधा के अनुसार कोर्ट में सरेंडर किया।इस प्रकरण में पुलिस का कोई रोल नहीं है। महज चंद रुपयों की वजह से पीड़ित परिवार चाहे चूल्हे भाड़ में जाए,पुलिस प्रशासन को कोई मतलब नहीं है। अब तो सीघ्र ही कुंदन कुमार का तबादला नरकटियागंज से हो जाना चाहिए। क्योंकि एसडीपीओ साहब हर जगह कहते फिरते हैं "हमारी बहन इस समय सरकार में प्रभावशाली डीएम है"

अगर बिहार के मुख्यमंत्री इनके पदस्थापना काल से आज तक का अपराध रिकॉर्ड जांच करा दें तो इन्हें एक दिन भी पुलिस अनुमंडल में नहीं रहने देना ही पुलिस हेडक्वार्टर को मुनासिब होगा।पता नहीं किस ऊंचे रसूक के बल अब तक जमे हैं। क्योंकि इनके जमने में बलथर भीषण दंगा जैसे अनेकों कमाऊ सुपरविजन वाला केस का पर्यवेक्षण इनके द्वारा फाइनल लिस्ट में है जिसमे से असली अपराधी बरी हो रहे हैं।

कहा जाता है कि "सौ दोषी क्यों ना छूट जाए परंतु एक निर्दोष को सजा ना हो" लेकिन इनके राज में निर्दोषों को ही अक्सर दोषी बनाया जाता है।इसलिए तो फिरदौस मियां तथा प्रियंका जैसे लोग रिमांड पर नहीं आ रहे हैं।नहीं तो स्टोरी कुछ और उभर ही जाएगा C.D.R के खेल में परंतु नही हुआ राजेश हत्याकांड में कुछ खास अलग से। और जीवन के अंतिम क्षणों में कितना दोषी और कितना निर्दोष पूर्व चेयरमैन राधेश्याम तिवारी जेल के सलाखों के पीछे है मामला लगभग इस प्रकरण का ठंडे बस्ते में चला गया है जिसमे महत्वपूर्ण है रिमांड पर लखनऊ से अभियुक्तो को चंपारण लाना जो आरक्षी उप महानिरीक्षक को अपने सेवा समाप्ति से पहले ही एक धार्मिक काम होता।

अब शुरू होता है बनवरिया निवासी मनोज शर्मा अपहरण कांड जिसमे समय रहते अगर पुलिस महकमा सहोदरा ठोड़ी लोकेशन पर ध्यान देती तो मनोज  का परिवार अनाथ न होता। इस प्रकरण में सहोदरा थाने के भवानीपुर निवासी लालबाबू कुमार व अखिलेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्ही के निशानदेही पर कोर्ट के आदेश के आलोक में मजबूरन पुलिस बीटीआर के जंगलों में उनके शव (कंकाल) को तलाश रही है क्योंकि हत्यारों के गमछे से गला घोटकर हत्या करने की बात कन्फेशनल बयान में कहा है। इस प्रकरण में कुंडीलपुर निवासी साहेब साह एवम भवानीपुर के गुड्डू यादव व लालबाबु कुमार पर मामला दर्ज था।पुलिस ने बरगजवा निवासी तेरस साह को पुलिस ने नवंबर 2022 में ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है क्योंकि उसी के पास से मनोज का मोबाइल बरामद हुआ था।

 सबसे बड़ी बात यह है कि तेरस साह लालबाबू यादव का में है। 

अब तो यहां मनोज शर्मा अपहरण कांड जो अब हत्या में तब्दील हो चुका है तथा क्योंकि आरोपी रिमांड पर हैं तथा उनपर अभी तक किसी प्रकार का कार्यवाई नहीं हुआ है।

यह सारी प्रक्रिया पुलिस ने मजबूरन उच्च न्यायालय के आदेश पर सक्रिय होकर कर रही है।इस हत्याकांड का मुख्य सरगना साहेब साह ही है क्योंकि उसके पास क्रिकेट के सट्टा का पैसा था जिसे हजम करने के लिए यह षड्यंत्र रचा होगा।

पुनः नरकटियागंज के वार्ड 16 के चिकपट्टी रोड में बाइक सवार बदमाशो ने 11 फरवरी शनिवार के रात्रि 8:30 बजे एक रेडीमेड व्यवसायी गुड्डू वर्णवाल के पुत्र किशन कुमार को गोली मारकर हत्या का प्रयास किया जिससे घायल हो गए है।उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।

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