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*बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी ? वही हाल हुआ खलील* *का।*

 


*बगहा S P ने लिया संज्ञान।*मामला सब इंस्पेक्टर बगहा पुलिस के खलील का हुए** *निलंबित।*

   *पुलिस अपने अपराध को* *अपने ड्यूटी का हिस्सा क्यों मानती है ?*

 

_ठाकुर रमेश शर्मा - पश्चिमी चंपारण (बिहार)_

_दिनांक - 18-02-2023_

    


  काफी जद्दोजहद और भ्रष्टाचार के फ्रंट लाइन से गुजरने के उपरांत ठाकुर रमेश शर्मा पत्रकार रामनगर जो तौलाहा निवासी हैं। 1994 ग्रुप (बैच) के वरिष्ठ पत्रकार जीवन के हर एक थेपेडो  के झोंकों से गुजरने के उपरांत आज आधुनिक युग के पत्रकारित  दौर में गुजरने को मजबूर है।      

  जनहित की रक्षा में पुलिस प्रशासन के लोगों में अकसर भिडंत हो जाती है। जो पुलिस वाला सारा दिन लोगों को गाली देता रहता है मारता रहता है , मारता - पीटता रहता है । वहीं पुलिस पुनः रमेश शर्मा को इस वर्ष  हिंदुओं के महापर्व नहाए  खाए के दिन रमेश शर्मा पत्रकार को अपने वर्दी का धौंस दिखाकर गाली देकर धमकाया।

 मिलने पर हत्या की धमकी भी रामनगर में दिया था।

तत्कालीन S.D.P.O सत्यनारायण राम के सामने उन्हें गाली देते हुए जेल भेजवाने का भी धमकी दिया था।

 पुनः रमेश शर्मा पत्रकार ने अपने कलम का सहारा धर्म पूर्वक लिया जिसके आलोक में बिहार के न्यायप्रिय पुलिस महानिदेशक ने त्वरित निष्पादन करते हुए सब इंस्पेक्टर खलील के विरुद्ध लगे प्रमाणित आरोंपों का जांच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दिया।


जिसमे कुछ भ्रष्ट उच्च अधिकारी  भी ठाकुर रमेश शर्मा के मामलो को रिश्वत के बल पर दबाते हुए नाही तो रमेश शर्मा को नोटिस करके बुलाया ,और नाही रमेश शर्मा को भनक लगने दिया ।

पुलिस मुख्यालय के उस पत्र को।

जिसमे ठाकुर रमेश शर्मा को तीसरे बार पुनः प्रमाण के साथ voic recording जिसमे खलील साहब ने भद्दी भद्दी गालियां दिया है। जिसका जांच अभी प्रक्रिया में है।इसी बीच उनका बड़ा मामला हिरासत से शराब पिए हुए अभियुक्त को छोड़ दिया रिश्वत लेकर । जिसमे पुलिस अधीक्षक बगहा ने दोषी पाकर तथा पूर्व में किए गए सारे कारनामों को ध्यान में रखकर ही निलंबित किया है।

 इस कार्यवाही के बाद खलील बाबू को पुनः हर बार की भांति ब्रेन स्ट्रोक हो गया है।

 बेहतर इलाज के लिए उन्हें बाहर  भेज दिया गया है। 

निवर्तमान D S P सत्यनारायण राम ने कहा था कि - जाओ रमेश शर्मा को हम देख लेंगे।

तथा उसके शिकायत को यहां से पटना तक हम देख लेंगे।

परंतु खलील को कहा पता था कि बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी? 

पुनः उन्होंने रिश्वत लेकर बगहा थाने से प्रतिबंधित शराब पीने वाले शराबी को छोड़ दिया।

जिसका जांच S D P O कैलाश प्रसाद ने किया ।

जिसके आलोक में खबर तथा कार्यवाही को ध्यान में रखकर बगहा पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया।

इस खबर को पुलिस ने वरिष्ठ कर्मियों के द्वारा मोबाइल फोन से मिट्टी के तेल की तरह फैला दिया   है। 

 आखिर उस पत्र में ऐसा क्या था क्या था?

जिससे खलील साहब के दिमाग पे ऐसा जोड़ पड़ा रहा जो ब्रेन स्ट्रोक कर गया?

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