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खानकाहे हुसैनी में परचम कुशाई की रस्म अदा की गयी।

कानपुर 20 अगस्त मोहर्रम की पहली तारीख पर परचम कुशाई की रस्म खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह कर्नलगंज, ऊँची सड़क में हर साल की तरह इस साल भी खानकाहे हुसैनी में दरगाह पर गुलपोशी सलातो सलाम के बाद दुआ हुई परचम की गुलपोशी की बाद परचम खानकाहे हुसैनी के बाहर खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा व मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड चिश्ती हुसैनी परचम को लेकर आए सोशल डिस्टेसिंग व शासन प्रशासन की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हुसैन के चाहने वाले परचम पर फूल इत्र पेशकर नारे हक हुसैन, मौला हुसैन, नारे हैदरी या अली या अली दीन की पनाह हुसैन है मेरा बादशाह हुसैन है की नारों की सदाओं से पूरा इलाका गूँजने लगा।

 उसके बाद दुआ हुई दुआ में खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने अल्लाह से अपने हबीब, मौला अली, हसनैन के सदके में हमारे मुल्क सूबे शहर में अमनों अमन कायम व खुशहाली तरक्की देने, कोरोना वायरस से निजात देने, गुनाहों की माफी, कुदरत के कहर से बचाने, मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ अदा करने, दहशतगर्द का खात्मा करने, फिरकापरस्त ताकतों को नेस्तनाबूद करने की दुआ की सलातो सलाम पेशकर परचम खानकाहे हुसैनी मे नसब किया गया।

परचम कुशाई मे इखलाक अहमद डेविड चिश्ती हुसैनी, शमशुद्दीन फारुकी, परवेज़ आलम वारसी, एजाज़ रशीद, अफज़ाल अहमद, मोहम्मद इदरीस आदि लोग मौजूद थे।

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