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वाल्मीकि महोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन*



_रमेश ठाकुर रामनगर,पश्चिम चंपारण(बिहार)_

_दिनांक:-08-03-2025_


भारत-नेपाल सीमा पर स्थित महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि वाल्मीकि नगर में शनिवार को वाल्मीकि महोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और महर्षि वाल्मीकि के महान योगदान को रेखांकित किया गया।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत पश्चिम चंपारण के जिला पदाधिकारी दिनेश कुमार राय ने शॉल और मोमेंटो भेंट कर किया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत बिहार गीत की प्रस्तुति से हुई, जिसे स्थानीय कलाकारों ने प्रस्तुत किया। इसके बाद महर्षि वाल्मीकि और वाल्मीकि नगर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने वाली लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।


महोत्सव में सांस्कृतिक रंग भरते हुए लौरिया विधायक विनय बिहारी एवं प्रख्यात लोकगायिका अनुपमा यादव ने अपनी शानदार प्रस्तुति से समां बांध दिया।


इस भव्य आयोजन में राज्य सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इनमें जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री एवं पश्चिम चंपारण के प्रभारी मंत्री जनक राम, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोती लाल प्रसाद, सांसद सुनील कुमार, विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह (रिंकू सिंह), विधायक विनय बिहारी, विधायक भागीरथी देवी, विधायक उमाकांत सिंह, विधान पार्षद भीष्म सहनी एवं सौरभ कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित थे।


इसके अलावा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ. गोपाल सिंह, जिला पदाधिकारी दिनेश कुमार राय, पुलिस अधीक्षक (बगहा) सुशांत सरोज सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य लोग भी इस अवसर पर मौजूद रहे।


वाल्मीकि महोत्सव बिहार की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जो न केवल महर्षि वाल्मीकि के योगदान को सम्मानित करता है बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी संजोने का कार्य करता है। यह आयोजन बिहार की कला, संस्कृति और परंपराओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।


वाल्मीकि महोत्सव-2025 केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और साहित्य का भव्य संगम है। महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं और उनकी अमर कृति रामायण के महत्व को समर्पित यह आयोजन देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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