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*रक्षक ही बने भक्षक: बिहार में रिश्वतखोरी का बड़ा भंडाफोड़, दारोगा गिरफ्तार*



_रमेश ठाकुर, बगहा (पश्चिम चंपारण)_

_दिनांक: 11 मार्च 2025_


बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह विजिलेंस की टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए भैरोगंज थाना में तैनात पुलिस अवर निरीक्षक (SI) ओम प्रकाश गुप्ता को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई पटना से आई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर की।


सूत्रों के अनुसार, दारोगा ओम प्रकाश गुप्ता एक व्यक्ति से किसी मामले में राहत देने के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की, जिसके बाद टीम ने जाल बिछाकर उन्हें पकड़ने की योजना बनाई। जैसे ही दारोगा ने ₹10,000 की रिश्वत ली, टीम ने उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।


इस गिरफ्तारी से जिले के पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। यह मामला न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि जनता के बीच पुलिस की छवि भी धूमिल करता है।


निगरानी डीएसपी विकास श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायतकर्ता ने निगरानी विभाग को जानकारी दी थी कि भैरोगंज थाना में कांड संख्या 4/25 व कांड संख्या 5/25 भूमि विवाद से जुड़े मामले दर्ज हैं। इन मामलों की जांच कर रहे एसआई ओम प्रकाश गुप्ता ने पीड़ित के पिता हरेंद्र सिंह का नाम केस से हटाने और केस से बरी करने के लिए ₹10,000 रिश्वत की मांग की थी।


शिकायत मिलते ही निगरानी विभाग ने डीएसपी विकास श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय टीम गठित की, जिसमें सब-इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार, गणेश कुमार, पीटीसी कृष्ण मुरारी कश्यप, रणवीर सिंह और सिपाही संतोष समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।


निगरानी टीम रहस्यमय ढंग से भैरोगंज थाना पहुंची और एसआई ओम प्रकाश गुप्ता के क्वार्टर में जांच शुरू की। पूछताछ और तलाशी के दौरान दारोगा के बेड पर तकिए के नीचे छुपाकर रखे गए ₹10,000 बरामद किए गए। इसके बाद टीम ने तुरंत दारोगा को गिरफ्तार कर लिया।


निगरानी डीएसपी विकास श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार एसआई ओम प्रकाश गुप्ता की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दे दी गई है। उन्हें पहले पटना ले जाया जाएगा और फिर मुजफ्फरपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा।


इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार गहरी जड़ें जमा चुका है। आम जनता को न्याय दिलाने वाले अधिकारी अगर खुद रिश्वतखोर बन जाएं, तो कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है।


बिहार सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। निगरानी ब्यूरो लगातार छापेमारी कर भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को बेनकाब कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में कई पुलिस अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, लेकिन रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे।


अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में पुलिस विभाग क्या कदम उठाता है और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ और कितनी सख्ती बरती जाती है।

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