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*क्या बिहार में इस प्रकार से हुई थी मास्टरों की बहाली?*

 


वैशाली व मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस की वांटेड लिस्ट में शामिल अपराधी को निर्गत हुआ आचरण प्रमाण पत्र -ज0अ0पा0 सुप्रीमो पप्पू यादव की पहल से 20 सालों से फरार चल रहे कुख्यात को पुलिस ने किया गिरफ्तार!


 **ठाकुर रमेश शर्मा* 

 *मानवाधिकार एवं अपराध विशेषज्ञ** 

 *प०चम्पारण(बिहार)* 

19/03/2023

हाजीपुर सरकारी स्कूलों के सिलेबस में भले अपहरण-हत्या-लूट की शिक्षा देने वाला चेप्टर शामिल नहीं किया गया हो पर अपराध विशेषज्ञ अपराधी पैरवी-पहुंच व जुगाड़ टेक्नोलॉजी से सरकारी स्कूलों में शिक्षक की नौकरी जरूर हासिल कर ली है। ऐसे क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले शिक्षक बच्चों को अपने जैसा जरूर बना सकते हैं। ऐसे ही एक कुख्यात अपराधी द्वारा जुगाड़ से सरकारी मध्य विद्यालय का शिक्षक बन जाने और दबंगई से एकमुश्त उपस्थिति बनाकर वेतन उठाते आने का मामला सुर्खी बनने वाली है। हैरतअंगेज यह कि दो जिलों के पुलिस के कुख्यात अपराधियों के वांटेड लिस्ट में शामिल अपराधी को उसी पुलिस ने आचरण प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया जिसे फरार घोषित कर रखा था। उस भगोड़े अपराधी को शिक्षा विभाग लगभग 11 वर्षोँ से वेतन देते आ रहा है। शिक्षक की नौकरी कर रहा भगोड़ा अपराधी गिरफ्तार हैरतअंगेज यह प्रकरण तब सामने आया जब ज0अ0पा0 सुप्रीमो पूर्व सांसद पप्पू यादव द्वारा आईजी को पूरे प्रकरण से अवगत करा शिक्षक की नौकरी कर रहे फरार अपराधी की गिरफ्तारी का अनुरोध किया गया। आईजी के निर्देश पर गठित स्पेशल टास्क फोर्स ने कड़ी मशक्कत के बाद 20 वर्षों से फरार चल रहे वैशाली जिले के गोरौल थाना क्षेत्र के रसूलपुर कोरीगांव निवासी हरिश्चन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। ड्राइवर-खलासी को जख्मी कर पिकअप लूटकर बेच दिया था भगवानपुर थाना क्षेत्र के हरपुर कस्तूरी गांव निवासी किशोरी सह के पुत्र संजीत कुमार साह 04 मार्च 2003 को सहदेई थाना में पिकअप लूट की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। संजीत से


कोरीगांव निवासी हरिश्चंद्र ने मधुमक्खी का बक्सा पटोरी से मुजफ्फरपुर लादकर ले जाने का भाड़ा किया था। संजीत अपने चालक सकलदीप राय के साथ 4 बजें दिन में अपने अपने घर से चला। भाड़ा करने वाला हरिश्चन्द्र के साथ महुआ जन्दाहा रोड गाजीपुर अंधराबड़ चौक होते हुए चले तो रास्ता में दो व्यक्ति महुआ में चढ़ा था। महुआ से गाजीपुर के रास्ते में अंधराबड़ पर दो व्यक्ति चढ़ा। यह सभी पटोरी से मधुमक्खी का बक्शा लाकर मुजफ्फरपुर पहुंचाना है। सभी एक दुकान पर ताड़ी और दारू पिया। वहां से जन्दाहा थाना अंतर्गत चौक से ताड़ी दुकान से आगे बढ़ा तो संजीत व उसके चालक के उपर हथौरी से सर पर घातक प्रहार कर उन लोगों ने जख्मी कर दिया। गाड़ी से दोनों को पटोरी थाना अंतर्गत रोड किनारे फेक दिया और गाड़ी लेकर भाग गया। करीब 11 बजे रात्रि में होश हुआ तो शोर मचाया आस पास के लोग जुटे और उन दोनों को इलाज के लिए शाहपुर पटोरी अस्पताल में भर्ती कराया था। फरारी में हासिल कर ली शिक्षक की नौकरी जानना दिलचस्प होगा कि मुख्य अपराधी हरिश्चन्द्र की कांड में संलिप्तता सामने आने के बाद पुलिस ने कुछ खास नहीं किया हालांकि अदालती कार्यवाही जारी रही। कोर्ट से वारंट, कुर्की-जब्ती की भी कार्रवाई हुई। पुलिस ने उसे फरार घोषित कर अपना पिंड छुड़ाने की कोशिश की। बताया जाता है कि वैशाली जिले में पिकअप लूट ही इकलौता मामला नहीं था। 2000 से 2005 के बीच हरिशन्द्र सिंह मुजफ्फरपुर पुलिस के लिए भी सिरदर्द रहा। एक लोहा व्यवसायी के अपहरण मामले से वह वह सुर्खियों में था। पुलिस ने वांटेड लिस्ट में उसे ऊपर क्रम में रखा था। बताया जाता है फरारी के दौरान ही पैरवी व जुगत भिड़ा कर 2012 में पूर्वी चंपारण के छोडादानो अंचल के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिष्णुपुरवा में शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। पूर्वी चंपारण से मुजफ्फरपुर तबादला भी कराया हैरतअंगेज यह कि फरार चल रहा अपराधी हरिश्चन्द्र की पुलिस व शिक्षा विभाग में पहुंच-पैरवी खान तक थी इसका इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जॉइनिंग के लिए आवश्यक आचरण प्रमाण पत्र भी अंचल से नहीं बल्कि एसपी कार्यालय से निर्गत हासिल जर लिया। गोरौल थाना की पुलिस उसे भगोड़ा घोषित कर चुकी थी और यहीं से उसके चरित्र का वेरिफिकेशन कर ओके का प्रतिवेदन दे दिया गया। पूर्वी चंपारण से शातिर ने अपने गृह क्षेत्र के समीप मुजफ्फरपुर कुढ़नी के बलौर मध्य विद्यालय में तबादला करा लिया।

इसके।

 इस आरोप के बारे में पूछने पर आरोपी ने अपने बयान में कहा कि हम पर लगा सारा आरोप बे बुनियाद है।

जब लोग यूटूबर मनीष कश्यप को पत्रकार मान सकते हैं तो अपराधी को शिक्षक क्यों नहीं?

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