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*रिश्वत के मामले में सिकटा सीओ ने विधवा को भी नहीं बक्सा,आखिर क्यों ?*

जनहित की रक्षा को ध्यान में रखकर बिहार के मुख्यमंत्री ने आरटीपीएस काउंटर के भीड़ को कम करने के उद्देश्य तथा आपकी सरकार आपके द्वार वाले फार्मूले को जो चरीचार्थ करने के उद्देश्य से ऑनलाइन सिस्टम किया गया था,परंतु सिकटा सीओ को रिश्वत जरूर चाहिए इसलिए ऑनलाइन आवेदनों को निरस्त कर दे रहे हैं।

   मामला सिकटा प्रखंड के बलथर थाना अंतर्गत मुरली परसौनी गांव निवासी पीड़िता बच्चों देवी पति स्व० नथुनी शाह वार्ड संख्या 7,ग्राम परसौनी, अनुमंडल नरकटियागंज,जिला पश्चिमी चंपारण बिहार का है।

पीड़िता ने जाति प्रमाण पत्र बनवाने हेतु उन्हें एक खास दलाल के माध्यम से बुलाया गया तथा रिश्वत के रूप में 5 हजार रूपए की मांग की गई।नहीं देने पर उन्होंने कहा कि सीओ साहब आवेदन निरस्त कर देंगे जो भविष्य में कभी नहीं बनेगा तथा ऑनलाइन का खर्च भी बेकार जायेगा। 

अब इस गरीब पीड़ित ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह से इस न्यूज़ के माध्यम से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। इस घटना के बाबत राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे ने अपने बयान में बताया कि मुझे भी पता चला है कि सिकटा प्रखंड वाकई भ्रष्टाचार में संलिप्त हो गया है। यह सरकार क्यों चुप है हमारे समझ से परे है।

उस पंचायत के पैक्स अध्यक्ष धनंजय शाह जो भाजपा के साथ संबंध रखते हैं, इन्होंने अंचल अधिकारी को शीघ्र हटाने का मांग किया है।

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