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*रामकोला गन्ना विकास परिषद पर मिली भगत व फर्जी तरीके से नौकरी एवं पैसा निकालने का लगा आरोप*

 


छोटेलाल पुत्र राम लक्ष्मन ने मीडिया के सामने रामकोला गन्ना विकास परिषद खेतान शुगर मिल का बहुत बडा मामला उभर कर सामने आ रहा है रामकोला के अंतर्गत ग्राम सभा अहिरौली कुश्मही का स्थाई निवासी बेचन प्रसाद पुत्र दुखी प्रसाद जो की गन्ना विकास परिषद रामकोला में चतुर्थ श्रेणी रामकोला खेतान शूगर मिल में कार्यरत थे। 

छोटेलाल पूत्र रामलक्षन गोंड उसी गांव के निवासी है इनका आरोप है कि बेचन प्रसाद का जन्म तिथि 1-8 -1944 की जगह 1-8 -1954  दिखाकर गलत तरीके से दस वर्ष तक फर्जी तरीके से काम किया। जिसकी शिकायत जिला गन्ना अधिकारी  पडरौना उपजिला गन्ना अधिकारी देवरिया ज्जेस्ट विकास निरीक्षक रामकोला खेतान एवं गन्ना आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ को सत्र 2012 से 2013 से ही शिकायत करके अवगत करा दिया

गया था। बाद में विभाग द्वारा जांचउपरांत एवं जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सभी सश्यो द्वारा पता चला कि बेचन प्रसाद की जन्म तिथि वास्तव में 1/08/1944 सत्य है जो कि जनता इंटर कॉलेज रामकोला की तिथि एवं परिवार रजिस्टर के मुताबिक 1/8/ 1944 सत्य है इनका कहना है कि अगर 1/08/1954 सत्य है तो परिवार रजिस्टर के मुताबिक बड़े लड़के दशरथ का जन्म बेचन के जन्म के छः साल बाद कैसे हो गया। 

ये भुगतान मिलीभगत के कारण किया जा रहा है तथा शासन सचिव चीनी उद्योग गन्ना आयुक्त लखनऊ देवरिया द्वारा किया जा रहा है जो कि ये सस्पेंड किए गए तथा और इन्हीं के कारण बहाल भी किया जा रहा है इनका जन्म 1-8 -1944 पाया गया है ये  2014 में सस्पेंड हुए थे। कुछ जगह पाया गया है । आइए जानते हैं कि

कक्षा 5 में प्राइमरी पाठशाला में पढ़े हैं 1-8- 1944 जन्म तिथि पाया गया हैं

कक्षा 6 में जनता इंटर कॉलेज में पड़े तो 1-8 -1944 बताया जा रहा है और तो और कक्षा 9 में माइग्रेशन 1-8- 1944 बना है

जो की छोटेलाल द्वारा बताया गया कि 10 में दो बार फेल हुए इनका बोर्ड परीक्षा मे 1-8 -1944 पाया गया  है।

इनका जनता इंटर कॉलेज स्कूल के रजिस्टर मे स्कॉलर 782 है

और छोटेलाल का कहना है इन मामलों को पूरी गहराई तरीके से जांच कराया जाय।  इसलिए सरकारी शूगर मिल पुरी तरीके  छोटे-छोटे घोटालों में आने से बंद हो जाते हैं । और प्राइवेट शुगर मिल चलते रहते हैं सरकार को काफी नुकसान होता है जिसे छोटे छोटे कारणों की वजह से सरकारी शुगर मिल बंद करने कगार पर हो जाते है ।और सरकार से गुहार लगाई है 

ये मामला फर्जी व कूट रचित व जालसाजी तरीके से बनाकर भुगतान कराया। जोकि विभाग की लापरवाही व धनउगाई का मामला जाहिर होता है उपरोक्त तथ्यों का संज्ञान में लेते हुए जांच पुनः नए सिरे से की जाए और भूगतान को रोका जाय। अगर गलत पाए जाने पर भूगतान को रिकवर किया जाए। ऐसे बोल कर सरकार से गुहार लगाई।

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