• सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बीएचएम को दिया निर्देश
• कोविड-19 टीकाकरण को लेकर की जा रही है व्यापक स्तर पर तैयारी
• एएनएम व जीएनएम को एंड्रावय फोन चलाना अनिर्वाय
सिवान। जिले में कोविड-19 टीकाकरण को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक प्रखंड में एक-एक एएनएम व जीएनएम को कोल्ड चेन हैंडलर के रूप में चिन्हित करें एवं उनसे कोल्ड चेन का कार्य कराना सुनिश्चित करें। सिविल सर्जन ने पत्र लिखकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज व सभी स्वास्थ्य प्रबंधकों को निर्देश दिया है कि जल्द जल्द एएनएम व जीएनएम को चिन्हित करते कोल्ड चेन का कार्य कराएं। सीएस ने कहा कि सभी निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 का टीकाकरण किया जाना है। जिसमें बृहद स्तर पर वैक्सीन मैनेजमेंट की आवश्यकता होगी, जिसके लिए दक्ष कर्मियों की आवश्यकता होगी।
वैक्सीन की होती है ऑनलाईन मॉनिटरिंग:
इविन मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मोनिट्रिंग की जा रही है। साथ ही इससे टीके की गुणवत्ता पर भी नजर राखी जा जाती है। टीके के सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है। नियत तापमान में कमी या वृद्धि के कारण टीके के ख़राब होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन इस एप की मदद से यह कार्य आसान हो गया है। अब कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है। साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये कोल्ड चेन प्रबंधक से लेकर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं यूनिसेफ के जिला अधिकारी को भी प्राप्त हो जाती है।
ऐसे काम करता है इविन :
कोल्ड चेन में टीके रखने के डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगाए हुए हैं। ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रीज का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है। ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर टीके को देख लेता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है।
स्टॉक की जानकारी हो रही अपडेट :
कोल्ड चेन स्टाफ इविन नेटवर्क की एप के जरिए टीके के स्टॉक को अपडेट करते हैं। इससे आरसीएचओ और जिला कोल्ड चेन मैनेजर को इविन वेबसाइट पर वैक्सीन की करेंट स्टॉक की जानकारी मिल जाती है। साथ ही विकसित किए गए एडवांस एप से कहां कितनी वैक्सीन है, बैक्सीन का रख-रखाव कैसा हुआ है यह भी जीपीएस से स्वचालित तौर पर अपडेट होता है। इसकी रिपोर्ट भी जिला स्तरीय पदाधिकारी को नियमित तौर पर प्राप्त होती है। इससे कोल्ड चेन में रखी दवा की एक्सपायरी भी जानने में आसानी हो रही है।