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कोविड-19 के दौर में गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत, हर माह कराएं स्वास्थ्य जांच

 


गर्भावस्था के दौरान शरीर में होता है कई तरह के हार्मोनल बदलाव

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार जरूरी

तनाव से बचने के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने में मदद करें


छपरा। कोरोना काल में यूं तो संक्रमित होने की संभावना हर किसी को है। लोग इससे डरे हुए भी हैं, मगर गर्भवती महिलाएं कुछ ज्यादा ही भयभीत हैं। उन्हें डर है कि वे कोविड-19 वायरस से वे खुद या गर्भस्थ शिशु संक्रमण की चपेट में न आ जाए। इससे वे डर और तनाव में भी जी रही हैं। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना में सतर्कता बहुत जरूरी है। क्योंकि, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। नतीजतन, उन्हें कोई भी संक्रमण या फ्लू आसानी से हो सकता है। लेकिन, डर और तनाव को बिल्कुल जगह न दें। सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हर माह की नौ तारीख को समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर लगने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए। गर्भावस्था में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। परीक्षण के दौरान यदि संक्रमण होगा तो पता चल जाएगा। 


खानपान का ध्यान रखें गर्भवती:

सीएस डॉ. झा ने बताया कि सबसे पहले ग्रभवती महिलाओं को अपने खाने-पीने पर ध्यान देने की जरूरत है। वे अपने खाने में में हरी सब्जियां, दूध, फल और दाल जैसी चीजें शामिल करें। अच्छे से अच्छा खाएं और स्वस्थ रहें। दिन में कम से कम 30 मिनट योग जरूर करें। इसके साथ चिकित्सक के अनुसार हल्का-फुल्का व्यायाम भी कर सकती हैं। ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। हर दिन कम से कम सात से आठ गिलास पानी जरूर पियें। गर्भवती महिलाएं पानी को उबालकर पियें। अपने डेली रूटीन का खास ध्यान रखें। समय पर सोएं और समय पर उठे। कम से कम सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें।


मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने में मदद करें:

सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष इंचार्ज जागृति कुमारी ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत सारे मानसिक और भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरती हैं, लेकिन इस वक्त हमें मानसिक रूप से बहुत अधिक मजबूत होने की जरूरत है। एक मां की सेहत के साथ ही उनके गर्भस्थ शिशु पर उनके मनोभावों का बहुत अधिक असर होता है। वह हर गर्भवती महिला से बार-बार कहना चाहती हैं कि परिवार के दूसरे सदस्य गर्भवती महिला को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने में मदद करें। बार-बार बहुत सारी बीमारियों के नाम या कोरोना से जुड़े लक्षणों के बारे में बार-बार बोलकर हतोत्साहित न करें।


ऐसे करें बचाव:

खांसी के दौरान अपने मुंह को ढक कर रखें

टिशू न होने पर खांसी के समय अपने हाथ की बाजू से मुंह ढके

बीमार लोगों से बिल्कुल भी न मिले

भीड़ वाली जगहों पर ना जाएं ।

बाहर जाएं तो मास्क जरूर लगाएं।

बाहर से लौटने पर सीधे गर्भवती के पास न जाएं

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