•अक्टूबर व नवंबर में 161 महिलाओ का हुआ बन्ध्याकरण
2025 तक प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित
•संस्थागत प्रसव के बाद परिवार नियोजन के लिए किया जाता है जागरूक
•कोरोना काल मे भी नियमित रूप से किया जा रहा है बंध्याकरण
• छोटा परिवार-सुखी परिवार के लिए किया जाता है जागरूक
सिवान। वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस दौर में भी स्वास्थ्य विभाग अपने कर्तव्यों के प्रति कितना सज़ग हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती रही हैं। चाहे वह किसी भी की कोई गंभीर बीमारी ही क्यों नहीं हो। वहीं संस्थागत प्रसव के बाद परिवार नियोजन के लिए भी जागरुकता अभियान चलाया जाता रहा है।जिले के बसंतपुर पीएचसी में अक्टूबर व नवंबर महीने 112 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ था जो सिवान ज़िले में सबसे ज्यादा आंकड़ा हैं। पखवाड़ा के दौरान 27 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ। जबकि मंगलवार को 22 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया हैं। सबसे खास बात यह हैं कि स्थानीय अस्पताल में ऑपरेशन के लिए चिकित्सकों की कमी के चलते दूसरे अस्पताल से चिकित्सक को बुलाकर महिलाओं का बंध्याकरण कराया जाता हैं। महिलाओं में बंध्याकरण के जागरूक करने के लिए आशा कार्यकर्ता, एएनएम व जीएनएम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को भी लगाया जाता हैं।
वर्ष 2025 तक सूबे के प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य:
मिशन विकास परिवार के तहत वर्ष 2025 तक सूबे के प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने के लिए मिशन विकास परिवार के तहत कई सेवाओं को शामिल किया गया है।
कोविड-19 संक्रमण काल में भी नियमित रूप से किया जा रहा बंध्याकरण:
डॉ कुमार रवि रंजन
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को महिलाओं का बंध्याकरण कराया जाता हैं। कोविड-19 संक्रमण को लेकर विशेष ख़्याल रखा जाता हैं। जिसके तहत बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं व साथ में आने वाले परिजनों का कोविड-19 जांच करने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश की अनुमति दी जाती हैं। बंध्याकरण करने से पहले साथ में लाये गए समान, बेड, ओटी रूम को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाता हैं। डॉ रवि रंजन ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण काल होने के कारण हर तरह की सतर्कता बरतनी पड़ती हैं, खासकर सैनिटाइजेशन व सफ़ाई पर ज्यादा ध्यान रहता हैं क्योंकि सर्दी के मौषम में कोरोना संक्रमण होने की शिकायत ज़्यादा रहती हैं जिसको लेकर हर तरह से सावधानियां बरतनी पड़ती हैं।
छोटा परिवार-सुखी परिवार के लिए किया जा प्रेरित:
बंध्याकरण करने वाली प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मेनका ने बताया कि खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन बहुत ही ज़्यादा जरूरी हैं। परिवार नियोजन गर्भधारण के बीच समय-सीमा की छूट देना होता हैं। साथ ही छोटा परिवार-सुखी परिवार के लिए परिवार नियोजन अपनाने की जरुरत होती हैं हालांकि परिवार नियोजन के लिए कॉपर टी, कॉन्डोम, गर्भ निरोधक गोली (माला-एम एवं माला-एन), इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स के अलावे अंतरा व छाया के इस्तेमाल करने के लिए हमलोग अपने स्तर से जागरूक करते रहते है। हालांकि अगर कोई महिला बांध्यकरण न करना चाहे तो उसको अंतरा गर्भ निरोधक सुई लेने के लिए प्रेरित करते हैं क्योंकि दो बच्चें के बाद गर्भ में अंतर रखा जा सकता हैं। वहीं छाया गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टैबलेट हैं जिसे सप्ताह में एक बार ही सेवन करना पड़ता हैं।