मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे, जिगर गोशा ए रसूल जाने अली व बतूल हज़रत इमाम हसन रजि०अन० की यौम ए शहादत पर खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह की दरगाह पर मनकबत व नज़र पेशकर इमाम हसन को खिराज ए अकीदत पेश की गयी।
बाद नमाज़ जुमा खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह रह०अलै० की मज़ार पर गुलपोशी व इत्र पेशकर इमाम हसन को खिराज ए अकीदत पेश करते हुए उलेमा ए कराम ने बताया कि हज़रत सैय्यद इमाम हसन की शहादत 50 हिजरी सफ़र के महीने की 28 तारीख को हुई इमाम हसन जन्नत के नौजवानों के सरदार है उनकी सखावत पूरी दुनियां मे एक मिसाल है। नौजवानों को उनके बताए हुए रास्तों पर चलना चाहिए।
खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा व ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने कहा कि रसूल ए खुदा अपने नवासों इमाम हसन और इमाम हुसैन से बहुत मोहब्बत करते थे हमे भी अहले बैत से मोहब्बत करने के साथ-साथ उनके बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए आज मुसलमान कुरान हदीस नमाज़ से दूर होता जा रहा है जिस वज़ह से मुसलमान परेशान है। माँ-बाप की नाफरमानी करने वालो की इबादते अल्लाह को मंज़ूर नही माँ बाप को मोहब्बत से देखना भी इबादत में शामिल है। सलातों सलाम पेशकर नज़र व दुआ हुई।
दुआ मे अल्लाह की बारगाह मे पैगम्बर ए इस्लाम, मौला अली, पंजतने पाक इमाम हसन, इमाम हुसैन कर्बला के शहीदों के सदके मे हम सबके गुनाहों को माफ करने, हमारे मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम रहने मुल्क को खुशहाली/तरक्की देने, मासूम बच्चों, बहू-बेटियों के साथ वहशी हरकत करने वालों पर कहर नाज़िल करने, कोरोना वायरस के खात्मे, खातून ए इस्लाम को खातून ए जन्नत के नक्शे कदम पर चलने वाला बना, बेटी-बेटों के इल्म मे तवज्जों देने की दुआ की।
नज़र मे इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, हाफिज़ मुशीर अहमद, हाफिज़ जावेद अख्तर, सैय्यद अमान चिश्ती, मोहतशिम आदिल, समद अली चिश्ती, शमशुद्दीन फारुकी, परवेज़ आलम वारसी, लारैब रब्बानी, एजाज़ रशीद, अबरार वारसी, हाजी गौस रब्बानी, मोहम्मद हफीज़, मोहम्मद जावेद आदि थे।