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जन्म से लेकर 18 वर्ष के बच्चों में जन्मजात ह्रदय रोग की होगी पहचान एवं ईलाज

 


• हृदय रोग से ग्रसित बच्चों को मिलेगी सुविधा, आईजीआईसी शिविर के माध्यम से करेगा ईलाज   

 • 15 अक्टूबर को राज्य स्वास्थ्य समिति के सहयोग से स्वास्थ्य शिविर का होगा आयोजन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मिलेगी सुविधा 


पूर्णियाँ/ 13, अक्टूबर: 


कोरोना संक्रमण काल में राज्य के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आयी है. अब राज्य में जन्म से हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को निःशुल्क ईलाज प्रदान करने की राह पहले से अधिक आसान हो गयी है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के सहयोग से इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्था(आईजीआईसी),पटना द्वारा 15 अक्टूबर को जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के ईलाज के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा.


आरबीएसके वहन करता है खर्च: 

इस स्वास्थ्य शिविर के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जन्म से लेकर 18 वर्षों तक के बच्चों में जन्मजात हृदय रोग की पहचान एवं जाँच कर उन्हें निःशुल्क उचित सलाह एवं ईलाज प्रदान करना है. इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्था, पटना एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार इस संबंध में पूर्व से ही कार्य कर रहे हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्था, पटना में बिहार के विभिन्न जिलों से आए बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. बच्चों के ईलाज पर खर्च होने वाली राशि का वहन बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) के अंतर्गत निर्धारित पैकेज के अनुरूप किया जाता है.


संयुक्त प्रयास से राह हुयी आसान:

बिहार राज्य में छोटे बच्चों के हृदय रोग से संबंधित शल्य चिकित्सा कुछ समय पहले तक संभव नहीं थी. लेकिन अब राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार एवं इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्था, पटना के संयुक्त प्रयास से यह संभव हो चुका है. कार्यक्रम के तहत राज्य के अन्य चिकित्सा संस्था जैसे इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्था में ह्रदय रोग के ईलाज के लिए निःशुल्क सुविधा प्रदान की जा रही है.

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