उप संपादक : मंजय लाल सत्यम
बेतिया।हितेन्द्र प्रताप शाही । बिहार राज्य आँगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति बिहार की 26 अगस्त 2020 को राज्य स्तरीय वर्चुअल बैठक संपन्न हुई। उपर्युक्त बैठक में 17 सूत्री माँगों की पूर्ति को 01जुलाई 2020 से जारी राज्यव्यापी चरणबद्ध आन्दोलन, विभाग एवं सरकार के उठाए गए कदम की समीक्षा की गई। इसी क्रम में 11अगस्त 2020 को आईसीडीएस निदेशालय स्तर से संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल संग वर्चुअल वार्ता में माँगों पर हुई सहमति तथा उन्हें लागू करने की दिशा में अबतक की कार्रवाई की समीक्षा की गई। उपर्युक्त बैठक में वर्ष 2019 में 42 दिवसीय हड़ताल के उपरान्त हुए मंत्री स्तरीय वार्ता में अतिरिक्त मानदेय की राशि में 50 प्रतिशत बढोत्तरी पर बनी सहमति को लागू करने की प्रमुख माँग पर निदेशक ने असमर्थता व्यक्त किया। इस विन्दु पर सरकार के उदासीन रवैया पर संयुक्त संघर्ष समिति ने क्षोभ व्यक्त करते हुए, इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। कोविड -19 जैसे वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार के किये जा रहे सभी कार्यों र्में प्रदेश की लगभग दो लाख सेविका -सहायिकाओं ने जान जोखिम में डालकर पूर्ण निष्ठा के साथ सरकार के कदम से कदम मिलाकर अभूतपूर्व योगदान दिया है। अपने अल्प मानदेय से एक दिन की राशि लगभग तीन करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करना राज्यहित और मानवता के प्रति इनकी निष्ठा का परिचायक है। सर्वविदित है कि वर्तमान में सेविका-सहायिका को मिल रहे, मानदेय से उनकी जीविका का निर्वहन संभव नहीं है। बावजूद इसके इनके अतिरिक्त मानदेय की राशि में वृद्धि की माँग वर्षों से लंबित है। ऐसी स्थिति में सेविका -सहायिका के अतिरिक्त मानदेय सहित अन्य उचित माँगों के प्रति सरकार की उपेक्षा और टाल-मटोल रवैये से क्षुब्ध होकर संयुक्त संघर्ष समिति 31 अगस्त 2020 से सांकेतिक हड़ताल पर जायेगी।
बेतिया।हितेन्द्र प्रताप शाही । बिहार राज्य आँगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति बिहार की 26 अगस्त 2020 को राज्य स्तरीय वर्चुअल बैठक संपन्न हुई। उपर्युक्त बैठक में 17 सूत्री माँगों की पूर्ति को 01जुलाई 2020 से जारी राज्यव्यापी चरणबद्ध आन्दोलन, विभाग एवं सरकार के उठाए गए कदम की समीक्षा की गई। इसी क्रम में 11अगस्त 2020 को आईसीडीएस निदेशालय स्तर से संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल संग वर्चुअल वार्ता में माँगों पर हुई सहमति तथा उन्हें लागू करने की दिशा में अबतक की कार्रवाई की समीक्षा की गई। उपर्युक्त बैठक में वर्ष 2019 में 42 दिवसीय हड़ताल के उपरान्त हुए मंत्री स्तरीय वार्ता में अतिरिक्त मानदेय की राशि में 50 प्रतिशत बढोत्तरी पर बनी सहमति को लागू करने की प्रमुख माँग पर निदेशक ने असमर्थता व्यक्त किया। इस विन्दु पर सरकार के उदासीन रवैया पर संयुक्त संघर्ष समिति ने क्षोभ व्यक्त करते हुए, इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। कोविड -19 जैसे वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार के किये जा रहे सभी कार्यों र्में प्रदेश की लगभग दो लाख सेविका -सहायिकाओं ने जान जोखिम में डालकर पूर्ण निष्ठा के साथ सरकार के कदम से कदम मिलाकर अभूतपूर्व योगदान दिया है। अपने अल्प मानदेय से एक दिन की राशि लगभग तीन करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करना राज्यहित और मानवता के प्रति इनकी निष्ठा का परिचायक है। सर्वविदित है कि वर्तमान में सेविका-सहायिका को मिल रहे, मानदेय से उनकी जीविका का निर्वहन संभव नहीं है। बावजूद इसके इनके अतिरिक्त मानदेय की राशि में वृद्धि की माँग वर्षों से लंबित है। ऐसी स्थिति में सेविका -सहायिका के अतिरिक्त मानदेय सहित अन्य उचित माँगों के प्रति सरकार की उपेक्षा और टाल-मटोल रवैये से क्षुब्ध होकर संयुक्त संघर्ष समिति 31 अगस्त 2020 से सांकेतिक हड़ताल पर जायेगी।