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*शिक्षक राष्ट्र की आत्मा हैं, उनके सशक्त होने से समाज और देश सशक्त होगा : डॉ. प्रेम कुमार

_रमेश ठाकुर – पश्चिम चंपारण,बिहार_

_दिनांक:– 14–12–2025_


अध्यक्ष बिहार विधानसभा डॉ. प्रेम कुमार बिहार विधान परिषद उपसभागार में आयोजित शिक्षक प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल हुए। इस गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयं अध्यक्ष बिहार विधानसभा डॉ. प्रेम कुमार ने की।

समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि शिक्षक सम्मान समारोह जैसे पावन एवं प्रेरणादायी अवसर पर शिक्षकों के बीच उपस्थित होना उनके लिए हर्ष और गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल शिक्षकों को सम्मानित करने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि उस महान ज्ञान-परंपरा को नमन करने का अवसर है, जिसने भारत को विश्वगुरु की पहचान दिलाई है।


डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज का वह मजबूत स्तंभ हैं, जिन पर राष्ट्र की नींव टिकी होती है। उन्होंने गुरु महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः” केवल श्लोक नहीं, बल्कि गुरु के सर्वांगीण योगदान का सजीव उदाहरण है। शिक्षक न केवल पुस्तकीय ज्ञान देते हैं, बल्कि जीवन मूल्य, संस्कार, अनुशासन और चरित्र निर्माण का भी महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।



उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में शिक्षक की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। सूचनाओं की अधिकता के इस दौर में सही और गलत का विवेक विकसित करना शिक्षकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षक ही बच्चों को यह सिखाते हैं कि जीवन में केवल डिग्री नहीं, बल्कि कर्तव्य, नैतिकता और मानवता भी आवश्यक है।


अध्यक्ष बिहार विधानसभा ने कहा कि बिहार की धरती शिक्षा और ज्ञान की प्राचीन एवं गौरवशाली परंपरा से जुड़ी रही है। नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालय इस बात के प्रमाण हैं कि बिहार ने सदैव शिक्षा के क्षेत्र में विश्व का मार्गदर्शन किया है। आज के शिक्षक उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।


डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है कि शिक्षकों को सम्मान, सुरक्षा और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे निश्चिंत होकर भावी पीढ़ी का निर्माण कर सकें। शिक्षकों का सम्मान केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि हमारी सोच, व्यवहार और नीतियों में परिलक्षित होना चाहिए।


उन्होंने सम्मानित किए जा रहे शिक्षकों को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि इन शिक्षकों ने कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा की अलख जगाई है और बच्चों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सभी शिक्षकों को हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।


अपने संबोधन के अंत में डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र की आत्मा होते हैं। जब शिक्षक सशक्त होंगे, तभी समाज सशक्त होगा और समाज के सशक्त होने से देश निश्चित रूप से प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।


वहीं मौके पर विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति पटना विश्वविद्यालय एवं नालंदा खुला विश्वविद्यालय डॉ केसी० सिन्हा जी, अंतरिम निदेशक डॉल्फिन रिसर्च सेंटर डॉक्टर गोपाल शर्मा जी, प्रख्यात लेखक डॉ रमेश चंद्र जी, अपराध अनुसंधान निदेशक विपिन कुमार चौधरी जी,  लॉ फैकल्टी पटना डॉ प्रोफेसर वाणी भूषण जी, रक्षित पदाधिकारी सीआरटी डॉ आभा रानी जी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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