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चंपारण से लेकर शिकागो तक – ए.पी. पाठक की उपलब्धि बनी प्रेरणा की मिसाल*

_रमेश ठाकुर - पश्चिम चंपारण बिहार_

_दिनांक:-03-11-2025_


वरिष्ठ प्रशासक एवं समाजसेवी ए.पी. पाठक को उनके उत्कृष्ट जनसेवा कार्यों और प्रशासनिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शिकागो ओपन यूनिवर्सिटी (Chicago Open University) द्वारा “Doctorate in Public Administration and Societal Leadership” की मानद उपाधि (Honorary Doctorate) से सम्मानित किया गया है।

पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में लगभग 38 वर्षों की सेवा और समाजसेवा में उनके अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए यह सम्मान प्रदान किया गया। यह उपलब्धि न केवल ए.पी. पाठक के लिए, बल्कि चंपारण सहित पूरे देश के युवाओं के लिए गर्व का विषय है। चंपारण के एक छोटे से गाँव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाना अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।


अपने चार दशक लंबे प्रशासनिक कार्यकाल में ए.पी. पाठक ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्य करते हुए पारदर्शी, सुसंगठित और जन-केंद्रित प्रशासन की मिसाल पेश की। उन्होंने देश के विकास कार्यक्रमों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई तथा अपने गृहक्षेत्र चंपारण के इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और सामाजिक विकास को नई दिशा दी।

ए.पी. पाठक का प्रशासनिक दर्शन सदैव इस विचार पर आधारित रहा कि –

“जनता से जुड़ाव ही सच्ची सेवा का आधार है।”

इसी सोच ने उन्हें एक जनप्रिय, परिणाममुखी और संवेदनशील प्रशासक के रूप में प्रतिष्ठित किया।


Societal Leadership के क्षेत्र में भी उन्होंने समाजसेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। अपनी जन्मभूमि में उन्होंने ‘बाबु धाम ट्रस्ट’ की स्थापना की, जो आज शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और युवा विकास का केंद्र बन चुका है। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने गरीबों, महिलाओं और वृद्धों की सहायता में अग्रणी भूमिका निभाई, जिससे समाज के वंचित वर्गों के जीवन में सम्मान और अवसर का संचार हुआ।


शिकागो ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किया गया यह सम्मान न केवल ए.पी. पाठक की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय लोकसेवा की उस महान परंपरा को नमन है, जो “सेवा ही सर्वोपरि” के सिद्धांत पर आधारित है।


ए.पी. पाठक का यह सम्मान उनके कर्म, समर्पण और नेतृत्व का जीवंत प्रमाण है, जिसने उन्हें समाजसेवा और प्रशासनिक जगत दोनों में प्रेरणा-पुरुष बना दिया है।

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