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*करप्शन के विरुद्ध एंटी करप्शन वाली टीम कब आएगी चंपारण के थानो में ?*

 


ठाकुर रमेश शर्मा - मानवाधिकार एवं अपराध रिपोर्टर_

_दिनांक:- 04-03-2023_


पुरातत्व युग के विद्वानों ने बिल्कुल सटीक कहा है कि कोई काम तब तक अवैध है जब तक ब्यूरोक्रेट को पैसा नहीं मिल जाता है।इस मामले में सबसे आगे है पुलिस महकमे के लोग - जिसे सृजन के समय ही नाम रख दिया गया था "थाना" यानी जो था....उसे रिश्वत के बल पर लिख दिया जाता है नहीं था.....यानी छोटे पुलिसकर्मी एफआईआर के समय लिख दिया की इस घटना में आवेदक के आवेदन के अनुसार 5 लोग अपराध में शामिल थे परंतु लक्ष्मीनारायण के बल पर थाने ने कह दिया थाना स्तर के निरीक्षक की था........बाद में थोड़े बड़े अधिकारी जैसे डीएसपी स्तर के भ्रष्ट लोग लिख देते हैं मैंने जब पर्यवेक्षण(सुपरविजन ) किया तो पाया कि दूसरे गांव में सतनारायण भगवान की कथा हो रही थी।

वहां के प्रत्यक्षदर्शियों के कथन अनुसार घटना के समय वह व्यक्ति सचमुच में दूसरे ही गांव में ही था क्योंकि वहां भगवान सत्यनारायण की कथा हो रही थी इसलिए उसी दूसरे गांव में था। उसके बाद वह अपराधी अमन- चैन से पूरे पृथ्वी पर कहीं भी स्वच्छंद विचरण करने लग जाता है और वह व्यक्ति भले ही गर्भाशय कांड का मुख्य आरोपी क्यों ना हो,रिश्वत के बल पर सब संभव कर लेता है और चरितार्थ होती है वही कहानी""100 दोषी क्यों ना छूट जाए परंतु एक निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए""


राममनगर पुलिस अनुमंडल के थानों में इन दिनों पासपोर्ट इंक्वायरी में खूब रिश्वत चल रही है।जिसमें मुख्य रुप से रामनगर थाना मुख्य है।

रितु कुमारी महिला पुलिसकर्मी जो लगभग 3 वर्षों से रामनगर थाने में पदस्थापित है तथा C.C.T.N.S (सीसीटीएनएस) के पद को संभाल रही है।जो शुरू से पासपोर्ट का कार्य देखती है। पासपोर्ट बनवाने में आम आदमी की क्या हाल होती है,यह जगजाहिर है।

हालांकि रितु कुमारी शुरू के दिनों में इसी रामनगर थाने में रिजर्व गार्ड में पदस्थापित होकर सेवा दे रही थी।बाद में कार्यकुशलता के आधार पर उन्हें C.C.T.N.S में रखा गया।स्टाफ के कमी के वजह से बाद में पासपोर्ट का काम लगातार दिखने लगी। कतिपय कारणों से उन्हें अन्यत्र बाल्मीकिनगर जैसे थानों में उनका ट्रांसफर हो गया था,परंतु सेटिंग- गेटिंग के बल पर पुनः रामनगर थाने में अपना ट्रांसफर करा लिया क्योंकि इनका पहुंच ऊपर तक है,ऐसा लोग बताते हैं।

  सबसे संज्ञान लेने वाली बात यह है कि इसी रामनगर थाने में मनोज कुमार मुंशी के पद पर आए थे,जो अपने कार्य कुशलता के आधार पर पद के अनुकूल अपने जिम्मेवारी वाली पासपोर्ट सेक्शन के सेवा की मांग की तो आखिर किस कारण से उन्हें पुलिस लाइन में भेज दिया गया।जबकि रितु कुमारी एक महिला हैं जो तीन साल से रामनगर थाना में पदस्थापित है तथा 3 साल से पासपोर्ट सेक्शन में सेवा दे रही हैं।

तिरहुत प्रक्षेत्र के आईजी साहब को इस महिला कर्मी के साथ इंसाफ करना चाहिए जनहित में। क्योंकि पुलिस लाइन में आराम  होता है तथा एसपी ऑफिस के निकट होने की वजह से सुरक्षित भी हैं। इसपर बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी साहब को शीघ्र संज्ञान लेकर मनोज कुमार जो रामनगर थाने में मुंशी थे पुलिस लाइन में है, पुरुष हैं इसलिए उन्हें थाने का मुंशी का कार्य भी देखना तथा पासपोर्ट सेक्शन देखना जरूरी है इनके लायक यह पद है।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर इनका रामनगर थाने में होना पुलिस लाइन में जरूरी है।सबसे बड़ी बात यह है कि रितु कुमारी पर लगातार पासपोर्ट का मामला देखना अनेकों सवालों को जन्म देती है। 

भाजपा के वरिष्ठ नेता- कार्य समिति के सदस्य मधुकर राय ने अपने बयान में बताया कि रामनगर थाना ही नहीं,चंपारण रेंज डीआईजी के सेवाकाल समाप्ति से करप्शन से निरंकुश हो गया है क्योंकि पद खाली रखकर सरकार ही ब्यूरोक्रेट को तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।

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