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*रिश्वत के लिए बार-बार गाली देकर अल्पसंख्यक को भगा देते है c.o रामनगर!*

रमेश ठाकुर,रामनगर,प०चम्पारण (बिहार)


 _मामला अल्पसंख्यक बहुल डैनमारवा का।_ 


जिस तरह रामनगर क्षेत्र में व्यवस्था ठीक नहीं होने से डेंगू बीमारी अपना पैर फैलाने लगा है। ठीक उसी प्रकार रामनगर क्षेत्र में चंद भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट यानी नौकरशाह अपना पैर फैलाने लगे हैं। इतना ही नहीं चंद दलालों एवं चाटुकारो के वजह से अपने रिश्तेदारों का शादी संबंध कायम करवाने लगे हैं, कि अगर हम ट्रांसफर या सेवानिवृत्त होकर चले जाएं तो अपना आना जाना तथा दलालों से मिलना जुलना लगा रहेगा और हमारी खिचड़ी पकती रहेगी।

उसी का एक कड़ी है रामनगर अंचल क्षेत्र के डैनमारवा गांव का यह मामला।इस प्रकरण में संक्षिप्त विवरण यह है दो पट्टीदारों के बीच नाली विवाद, जो घर से निकलकर सरकारी रास्ता होते हुए सरकारी नाली तक जाने का।

 इस मामले में एक पट्टीदार भूमि के कुल रकबे के अंदर रहते है।यानी एक भीतर है और एक बाहर रहता है। क्या बाहर वाला भीतर वाले हिस्सेदार यानी फ़रीक़ैन को पानी का रास्ता यानी बहतर मुख्य सरकारी नाली तक नहीं देगा?ऐसा किस कानून में लिखा है?

 इस मामले में श्रीमान अंचलाधीश विनोद मिश्रा जी जो विद्वान सर्किल ऑफिसर माने जाते हैं,महीनों से उलझा कर आवेदन पर आवेदन,जांच पर जांच करवा रहे हैं। यहां तक आवेदक जहीर मियां के पिता वर्तमान मुखिया नूरजहां बेगम से अग्रसारित करवा कर एक आवेदन दिनांक 11-10-2022 को प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी दिया जा चुका है। जिसके आलोक में सी०ओ० के नेतृत्व में वीडियो चंद्रगुप्त बैठा भी स्थल निरीक्षण कर चुके हैं।इससे पूर्व में भी बी०डी०ओ० साहब को एक लिखित आवेदन दिनांक 20-08-2022 को आवेदक दे चुका था।

रामनगर एस०डी०पी०ओ० सत्यनारायण राम को 11-10-2022 को भी आवेदन देकर प्रार्थी ने प्रार्थना भी किया था। बुजुर्ग अली अकबर खान, पिता-जन्नत हुसैन खान विपक्षी के दादा के पाटीदार थे,जो वंशावली में भी वर्षो से दर्ज है।

रामनगर अंचलाधीश श्रीमान विनोद कुमार अगर अपने कार्यालय के ज्ञापांक 359 दिनांक- 30-08-2022 पर ध्यान देते तो बार-बार जनता दरबार या आवेदक से थाने या अंचल कार्यालय का चक्कर नहीं लगवाते। बल्कि न्याय संगत कार्रवाई करते हुए इस पीड़ित की पीड़ा पर अमल करते।

इस प्रकरण से पूर्व में पीड़ित का बेटा जहीर मियां अनेकों बार सी०ओ० साहब के निवास पर इनवर्टर के अलावे अनेकों विद्युत उपकरण लगाकर सेवा भी दे चुका है।परंतु पीड़ित जहीर मियां के कथन अनुसार जब तक सी०ओ० साहब को लक्ष्मीनारायण का दर्शन नहीं होता है,तब तक किसी भी मामले का निपटारा नहीं करते है।

 इस मामले में विगत कुछ दिनो पहले जब पत्रकारों के द्वारा सी०ओ० साहब से प्रार्थना किया गया तो उन्होंने कहा कि " हर गरीब का सुनते हैं,पुनः आवेदन दिला दीजिए" कह कर टाल दिया। अब बगहा अनुमंडलाधिकारी के साथ जिलाध्यक्ष महोदय ने अगर संज्ञान नहीं लिया तो हार थक पर पीड़ित को लोकायुक्त पटना, बिहार के तरफ मुखातिब होना पड़ेगा।क्योंकि पीड़ित ने लोकतंत्र के चारों स्तंभो का दरवाजा खटखटाया लिया है। अंतिम दरवाजा गरीबों के लायक शायद वही है।

 भ्रष्टाचार का पराकाष्ठा यह है वर्षों से बसे-जमे निवास करने वाले फ़रीक़ैन से अंचलाधीश महोदय अपने अंचल न्यायालय में मुख्य सरकारी नाली तक जाने के लिए पानी निकासी के लिए किस कागजात की मांग करते हैं?और अपने बारे में कहते हैं की "मैं अंगद के पैर की तरह हूं मुझे कौन हटाएगा।"

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