जिला संवाददाता सिरजेश यादव*
जहां हिन्दू धर्म के आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर तमाम ग्राम प्रधान एवम् जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने सरकारी बजट से छठ घाटों की सफाई से लेकर बेदीयो की रंगाई पुताई लाईट के लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं वहीं कुछ समाज सेवा के भाव से भी खर्च कर समाज में अपनी पहचान बनाते हैं पर कुशीनगर जनपद के रामकोला विकास खण्ड के ग्राम पंचायत धुआंटीकर में दो पोखरे हैं और दोनों पोखरे पर छठ पूजा के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं और पूजा पाठ करते हैं हर साल जो भी ग्राम प्रधान होता है वो अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सरकारी सफाई कर्मचारी एवं मनरेगा के मजदूरों से साफ-सफाई और रंगाई पुताई करवाता है पर इस बार वर्तमान प्रधान ने अपने जिम्मेदारियों से ए कह कर पल्ला झाड़ दिया कि मेरे पास कोई बजट नहीं है और मैं कोई सफाई नहीं करवा सकता जबकि पश्चिम पोखरे पर सरकार के लाखों रुपए के बजट से अमृत सरोवर के तहत कार्य चल रहा है वहां पुनः नरेगा के मजदूरों को लगा कर सफाई कराया गया पर पुरब पोखरे पर जहां सैकड़ों छठ उपासकों का आस्था जुड़ा है वहां पर कोई सरकारी सुविधाएं मोहैया नहीं कराया गया पर वहां के सभी नवजवानों ने हार नहीं मानी और अपने अथक प्रयासों से साफ-सफाई के साथ चकाचौंध कर दिया।