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*कोविड-19 के महाप्रकोप के बाद छठ महापर्व का दिल्ली,पटना,पूरे बिहार सहित जिले में धूम!*

 _ठाकुर रमेश शर्मा_ 

 _रामनगर प०चंपारण (बिहार)_ 

 _31/10/2022_ 


पश्चिमी चंपारण सहित पूरे बिहार में कोविड-19 के बाद इस पावन महापर्व को संपूर्ण देशवासी हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। उधर दिल्ली के यमुना नदी के किनारे बिहारी समाज के लोग और राजधानी पटना में छोटे-बड़े घाटों की विशेष निगरानी के साथ सजावट की गई

है,इतना ही नहीं पश्चिमी चंपारण के सभी घाटों पर निगरानी डीएम कुंदन कुमार, डी०आई०जी० प्रणव कुमार प्रवीण (पश्चिमी चंपारण परिक्षेत्र) ,बेतिया एस०पी० उपेंद्र वर्मा, बेतिया एस०डी०एम०,डी०एस०पी०,एस०डी०पी०ओ०,तथा एस०डी०एम० नरकटियागंज धनंजय कुमार,एस०डी०पी०ओ०  कुंदन

कुमार,बी०डी०ओ० तथा नरकटियागंज सी०ओ०,थानाध्यक्ष शिकारपुर अजय कुमार उधर बगहा के अनुमंडलाधिकारी अनुपमा सिंह, एस०डी०पी०ओ० कैलाश प्रसाद ,सी०ओ०,बी०डी०ओ० बगहा,हेडक्वार्टर डी०एस०पी० एवं रामनगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सत्यनारायण राम,रामनगर थानाध्यक्ष अनंत राम,प्रखंड

विकास पदाधिकारी चंद्रगुप्त बैठा, कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी के नेतृत्व में छठ घाटों की निगरानी करते हुए संपूर्ण बिहार वासियों को इस पावन महापर्व छठ के सभी घाटों का निरीक्षण करते हुए विश्वास पैदा किया गया। पूरे हिंदू समाज में दो वर्ष बाद काफी उत्साह देखने को मिला।तौलाहाँ के छठ घाटों के साथ रामनगर छठ घाट, नरकटियागंज के सभी घाट विशेष रूप से नरकटिया माई के निकट पंडई नदी के किनारे भी भव्य छठ पूजा का आयोजन किया गया।

कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए’ गीतों से गुंजयमान रहा छठ घाट।


‘हे छठी मईया हर लीं बलैया हमार’ महिलाओ ने मनोकामना पूर्ण होने की मांगी दुवाएं।


 पश्चिमी चम्पारण जिला के बगहा अनुमंडल में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो में सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामना की। वहीं सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था के इस महापर्व का समापन हो गया है।छठ पर्व पर महिलाओं ने रविवार को निर्जल व्रत रखा। दिन भर महिलाएं घरों में पूजा सामग्री जुटाने और पकवान बनाने में व्यस्त रहीं। दोपहर दो बजे के बाद महिलाएं छठ पूजा घाट की ओर निकलना शुरू कर दी थीं। तीन बजे तक ज्यादातर महिलाएं घाट पर पहुंचकर वेदी की पूजा-अर्चना करने में जुट गई थीं।

घर के पुरुष सदस्यों ने सिर पर दौरा और हाथ में सूपा लेकर व्रती महिलाओं के साथ जाते दिखे। इस दौरान ‘हे छठी मईया हर लीं बलैया हमार’ ‘कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए’ आदि गीत गातीं महिलाएं छठी मईया के जयकारे के बीच घाटों की ओर बढ़ती दिखीं। घाटों पर भी भक्ति गीत गूंजते रहे।वहीं दीप जलाकर पूजा-अर्चना की। बगहा अनुमंडल में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों  सहित

विभिन्न प्रखण्डों में बने घाटों पर व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। संतान और पति के साथ ही सभी के लिए मंगल कामना की। परिवार के पुरुष सदस्यों और पंडितों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिलाया। बतादे की विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जाने वाला छठ पर्व जीवन के लिए सूर्य और धरती के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। इसके माध्यम से प्रकृति और सूर्य की स्तूती कर उनका आभार व्यक्त किया जाता है।

    नरकटिया गांव के मुख्य रूप से ग्रामीणों में से भाग लेने वाले सदस्यों में सुकट शर्मा,रमेश शर्मा ,राहुल शर्मा रत्नेश शर्मा। नरकटियागंज बाजार से आये संजय शर्मा,छोटू शर्मा उर्फ अलोक शर्मा,प्रमोद शर्मा,चोकट शर्मा।लंगड़ा से आये चंदन शर्मा, सरल उर्फ राजकुमार शर्मा,कुंदन शर्मा।रामनगर के इलेक्ट्रीशियन विनोद

शर्मा,सुमित शर्मा,अमित शर्मा। नरकटिया गांव के सतन यादव,हीरालाल पत्नी की पत्नी सरपंच लालमती देवी,रतन यादव,सुजीत यादव सहित हजारो ग्रामीणों ने इस आस्था के पर्व में तन,मन,धन न्यौछावर करते हुए एक पैरो पर रहकर योगदान किया।

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