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*बार-बार प्रयास के बाद भी नही बदल रही पुलिस की छवि, कैसे होगा सुधार ?*

 


 _बेतिया-प०चम्पारण_

दिनांक:- 24-09-2022


अपराधियों का अपराध पकड़ में आ जाता है,परंतु पुलिस अपने अपराध को ड्यूटी का हिस्सा समझ लेती है। पुलिस चाहे दिल्ली की हो,गुजरात की, कन्याकुमारी की हो या गढ़वाल, नेपाल या उड़ीसा,पश्चिम बंगाल या मध्य प्रदेश या उत्तर प्रदेश।सब का एक ही चालढाल है (रोब रुआब) ।

              बिहार पुलिस का ग्राफ मानव अधिकार उत्पीड़न में कुछ कम है। जब से पुलिस   महानिदेशक एस०के० सिंघल पदभार ग्रहण किए हैं,सरकार चाहे जिसकी भी हो, डी० जी० पी० का अपना रुतबा अलग से परफॉर्मेंस को दर्शाता है।

                  मानवधिकार उत्पीड़न की घटना सितंबर 2022 में पुलिस अधीक्षक बेतिया के कार्यालय में शिकायत के रूप में दर्ज हुई। जिसपर त्वरित निष्पादन का भरोसा एसपी साहब ने आवेदक को दिया। शिकायतकर्ता वकील अहमद उर्फ वकील देवान,पिता-स्व० आरफीन देवान,साकिन-लछनौता, थाना मटियारिया,पुलिस अनुमंडल-नरकटियागंज,(बेतिया पुलिस) जिला पश्चिम चंपारण द्वारा आरोप लगाया गया है कि मटियारिया के थानेदार संजय कुमार द्वारा फर्जी जमीन विवाद दिखाकर जमींदारों के तरफ से मिलकर रंगदारी के रूप में हमसे रिश्वत मांगा जाता है। नहीं देने पर अनुमंडल कोर्ट से जीते हुए मामले में बार-बार 107 निरोधात्मक कार्रवाई की जाती है। जबकि उनके पूर्वजों के नाम जैसे नूरुद्दीन साईं के नाम पर मौजा लछनौता-जो मेहनौल पंचायत के गौनाहा अंचल में थाना नं०12,खाता नं०126, खेसरा 235,रकबा-18 कट्ठा 19 धूर है। उक्त भूमि रामनगर राज द्वारा 27-अप्रैल-1931 यानी आजादी के पहले प्राप्त हुई थी। इतना ही नहीं,दखल कब्जे के साथ-साथ जोत अबाद के साथ-साथ अंचल कार्यालय मे जमाबंदी संख्या 172 आज तक चला आ रहा है।

जिसे हड़पने के नियत से (1)विवेक अग्रवाल,(2)श्याम अग्रवाल पिता-स्व० शिवकुमार अग्रवाल,(3)नन्दलाल गोयनका  -पिता स्व० पुरनमल गोयनका तीनो स्थाई निवासी- वार्ड नं०-9- पुरानी बाजार (मारवाड़ी मुहल्ला)रामनगर ,थाना-रामनगर जिला-प०चंपारण द्वारा बार-बार लखनऊ उत्तर प्रदेश में बैठकर अत्याचार रिश्वत के बल पर कराया जाता है। जबकि ये लोग मुकदमा लड़ने के लिए खुद यहाँ दौड़ नही लगते है।पुलिस रिश्वत के बल पर असली भूमि स्वामित्व वाले को दौड़ाती है।इनका बेटा श्याम अग्रवाल उम्र 35 वर्ष जो सबसे बड़ा षड्यंत्रकारी है। ये लोग अपना केस स्वयं नहीं लड़ते हैं, इनका पैसा रूपया ही लड़ता है।

         जिसके एवज में बिना आधार के तथ्यहीन मामला बनाकर थानाध्यक्ष संजय कुमार, पीड़ित वकील देवान को मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशानी पैदा करते रहते हैं। यह घटना अकेले वकील देवान के साथ नहीं है,अगर उच्च-अधिकारी मौके- हालात पर आते हैं तो सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित होकर गवाही देंगे। 

        विवेक अग्रवाल, श्याम अग्रवाल एवं नंदलाल गोयंका का नेतृत्व स्वयं थानेदार सब इंस्पेक्टर संजय कुमार ही करते हैं। इस क्षेत्र में इनका इतना ज्यादा दहशत है कि हजारों निर्दोष लोग सहमे हुए हैं। इनको थानाध्यक्ष को यहा पदस्थापित हुए भी लगभग 3 वर्ष हो गया है। इतना ही नहीं,वकील देवान के लिखित शिकायत से उच्चाधिकारी अगर जांच करे तो जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

      इन्होंने अपने लिखित शिकायत में रिश्वत के रूप में डेढ़ लाख रुपए मांगने का भी जिक्र किया है। इनका तर्क है कि भूमि- सुधार उप समाहर्ता नरकटियागंज ने जब दिनांक 21/10/2022 वाद सं० 426/2021 को समाप्त कर दिया था, क्योंकि अनुमंडल स्तर पर जमीन का मालिक वकील देवान को घोसित कर दिया,तो थानेदार फर्जी किस आदेश के आलोक में पार्टी बनकर लड़ाई लड़ रहे हैं ?

क्या यह मानवाधिकार उत्पीड़न नही है ?

 यानी इस थाना क्षेत्र में मानवधिकार उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। पुलिस का फर्जी काउंटर केस,सुपरविजन उद्योग का धंधा फल-फूल रहा है जिसे संज्ञान की आवश्यकता है। जो डीआईजी साहब के संज्ञान में आ गया है तथा संज्ञान लेने की आवश्यकता भी है। यही इस क्षेत्र के तमाम बुद्धिजीवीओ की मांग है। वकील देवान का कहना है कि थानाध्यक्ष संजय कुमार तथा विवादित जमींदार विवेक अग्रवाल-पे० स्व०शिवकुमार अग्रवाल तथा नन्दलाल गोयनका के मोबाइल से  थानाध्यक्ष के मोबाइल नं०-79038800285 पर , एवं मोबाइल नं० 9431822406 पर महीने में अनेको बार बात होती रहती है जो उच्च अधिकारी के आदेश पर कॉल डिटेल निकालने पर पता लग जायेगा।तथा आदेवक का आरोप आधारयुक्त  है या आधारहीन है,पता चल जाएगा।

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