*आर०के०ठाकुर -पटना (बिहार)*
*दिनांक:-23-09-2022*
भारत सरकार एवं बिहार सरकार दलित उत्पीड़न रोकने के लिए विभिन्न तर्कों से संसोधन कर कार्य योजना तैयार कर रही है परन्तु ,भ्रस्ट नौकरीशाह अनुच्छेद में छेद करने पर तुले रहते हैं। उसी की एक कड़ी है ,वैशाली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सक बदसलूकी प्रकरण , इस मामले में कुछ दिनों से षड्यंत्र हो रहा है , जो वैशाली थाना काण्ड सं०- 355/22- के (दलित उत्पीड़न) के बचाव में इसी के काउंटर केस(356/22) दर्ज है। जिसके आवेदन में कहा गया है कि - 11 फरवरी 2022 को जन शिकायत की जाँच करने कार्यालय में गया तो, डॉ० सीमा सरोज अपने कार्यालय में नही मिली ।। उसके बाद पुनः अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी वैशाली हाजीपुर के पत्रांक 329- दिनांक-01/09/ 2022 को जाँच करने दिनांक- 08/09/ 2022 को जाँच टीम के साथ गया ।
प्रखंड प्रमुख ने अपने F.I.R के आवेदन में आरोप लगाया है कि -11 फरवरी को जब जन शिकायत के जाँच में गया था तो , डॉ० सरोज नहीं मिली । उसके बाद वो बोली कि "आप मेरे काम में दखलंदाजी न करें - मैं पूर्व में कई लोगों को फंसा चुकी हूँ - मैं सुनी हूँ की आप काफी मालदार पार्टी हैं। इसलिए दो लाख रुपये दीजिए नहीं तो एससी ,एसटी एक्ट केश में फंसा दुंगी" ।
दूसरी बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग में एक से एक बड़े अधिकारी बैठे हैं। जिन्हें जाँच करने का पूरा अधिकार प्राप्त है तो इन्हें कहा से जांच का अधिकार प्राप्त हुआ।
इस प्रकरण में हाजीपुर के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा जाँच में प्रखंड प्रमुख तथा उनके बेटे मृणाल कुमार की तथा 160 - 170 अज्ञात की क्यों आवश्यकता पड़ गयी ? डॉ०सीमा सरोज एक निरीह महिला चिकित्सक मनुष्य हैं-जो दलित एवं सभ्य परिवार से तालुक रखती हैं।
ना कि एक जंगल की शेरनी है जिसे पकड़ने के लिए प्रखंड-प्रमुख ,उनके सुपुत्र तथा 160-170लोगों की जरूरत होगी। इस षड्यंत्रकारी प्रकरण में सबसे बड़ा गवाह C.C.T.V कैमरा ही बनेगा । जिसे कोई झुठला नही सकता है ।
कुल मिलाकर इस दलित महिला चिकित्सक के साथ बिहार सरकार के साथ स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारीयों को न्यायोजित कदम उठाना होगा - तथा इस केस अनुसंधान से लेकर आरोप पत्र एवं अंतिम प्रतिवेदन आने तक इस निरीह महिला चिकित्सक का ट्रांसफर नही होना चाहिए तभी न्याय मिल पाएगा। तथा षड्यंत्रकारी जाँच प्रभावित नहीं कर पाएगा ।
हालाँकि डॉ०सीमा सरोज ने अपने आवेदन में प्रखंड प्रमुख द्वारा बार-बार रंगदारी मांगने की बात कही है ।
क्योंकि प्रमुख बनने में करोड़ो रूपये लगने की बात भी आवेदन में दर्शाया है ।
इस बाबत जब शैलेन्द्र प्रसाद सिंह के मोबाइल न० ×××××××600 पर पक्ष जानने के लिए फ़ोन किया गया तो फ़ोन स्विचऑफ बता रहा था।
अब तो कमज़ोर वर्ग के उच्चाधिकारी ही इस प्रकरण में न्याय कर पाएँगे।इस दलित उत्पीड़न के केस में प्रखंड प्रमुख के ऊपर चौक -चौराहें पर तरह- तरह की बातें करते लोग नजर आ रहे हैं जो C.C.T.V कैमरे बताएगा ।
तथा थाना आने-जाने वाले अभ्युक्तों की भी जानकारी देगा ।
सबसे बड़ा गवाह अभ्युक्तों के फ़ोन का कॉल डिटेल है।
इस मामले से पहले शैलेन्द्र प्रशाद सिंह पर पूर्व के अनेको काण्ड दर्ज है,जो जग जाहिर है ।जो क्राइम रिकॉर्ड देखने पर पता चल जाएगा । हालाँकि महिला डॉ० पर केस उठाने के लिए मौखिक धमकी मिल रही है , नही उठाने पर बड़ी घटना को अंजाम दिया जाएगा । ऐसी ख़बर डॉ०सीमा सरोज को है।उन्होंने अपने जान-माल की सुरक्षा की मांग भी किया है। हालाँकि पुलिस मुकदर्शक बनी हुई है तथा केस आई०ओ० की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है।तथा शैलेन्द्र प्रसाद सिंह से मिलना जुलना , फ़ोन से बात की भी आम चर्चा इन दिनों ज़ोरो पर है उनके निजी नम्बर से ।
इस दलित उत्पीड़न के घटना में शीघ्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों को संज्ञान लेना चाहिए तभी इस महिला को न्याय मिल पाएगा । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शैलेन्द्र प्रशाद सिंह प्रखण्ड प्रमुख के हैसियत से डॉ० सीमा सरोज पर उनके पब्लिक के मामलो में फर्जी इंजूरी रिपोर्ट यानी जख्म प्रतिवेदन अन्य लोगों के लिए फर्जी बनाने का दबाव पूर्व में बनाया गया था। जो उन्होंने हमेशा नकार दिया,उस वजह से भी प्रमुख हमेशा डॉक्टर को फंसाने का प्रयास करते रहें जो अंत में दुर्व्यवहार करते हुए जातिसूचक गाली देकर सरकारी कार्य में भी बाधा उत्पन्न किया।
डॉ सीमा सरोज ने अपने बयान में बताया कि पूर्व में अभियुक्तों ने कई बार बुरा बर्ताव करके अपमानित किया तथा जातिसूचक गाली दिया था ,हमसे यह भी कहा था कि "तुम्हारे सिविल सर्जन को मैं जेब में रखता हूं। मेरी पहुंच ऊपर तक हेल्थ विभाग एवं पुलिस विभाग में भी है। हम अपने पक्ष में प्रवेक्षण करा लेंगे"। ऐसा इस घटना के बाद भी बोल रहा था,उसके गुंडे मेरे इर्द-गिर्द हमेशा घूमते नजर आते हैं। हॉस्पिटल का सुरक्षा बढ़ाते हुए सीघ्र गिरफ्तारी होनी चाहिए तभी न्याय मिल सकती है,निरीह महिला डॉ० सीमा सरोज को।हार-थाककर डॉक्टरों का संगठन सीघ्र ही काम बंद करने का भी ऐलान करने वाला है,ऐसा गुप्त सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है।