उत्तर प्रदेश-अमेठी/ मुसाफिरखाना तहसील के ग्राम दादरा के लेखपाल सचिदानंद दुबे से न्याय पाना ग्रामवासियों के लिए टेढ़ी खीर नजर आता है । कभी शिकायत कर्ता के फर्जी हस्ताक्षर कर रिपोर्ट भेज देना, तो कभी बिना पैमाईश के रिपोर्ट लगा देना इनकी आदत में शुमार है। कुछ दिन पूर्व इनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें इनके द्वारा वसूली की बात और एसडीएम के स्टेनो द्वारा अवैध निर्माण को ध्वस्त ना करने की बात की जा रही हैं। लेखपाल सच्चिदानंद दुबे मलाई दार गांव जैसे मुसाफिरखाना , भनौली, दादरा का चार्ज लिया हुआ है। ताजा मामला दादरा गांव के निवासी सुशीला तिवारी का है जिनके पति रिटायर्ड बीडीओ हैं। इन्होंने गांव में गाटा संख्या 1475 में बैनामा लिया है लेकिन लेखपाल महोदय ने कभी नाप जोख की जहमत नहीं उठाई। प्राप्त सूचना के अनुसार पीड़िता सुशीला तिवारी ने बताया है कि मैं एसडीएम से लेकर डीएम, कमिश्नर तक गुहार लगा चुकी हूं। फिर भी लेखपाल महोदय विपक्षी के दवाब में फर्जी रिपोर्ट भेज देते हैं।जब विभागीय अधिकरियों को ही न्याय नहीं मिल रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा। क्या अमेठी जनपद के आला अधिकारियों से आम जन के प्रति यही उम्मीद है। पीड़ित महिला सुशीला तिवारी ने अपनी समस्या आल इंडिया शोशल एक्टिविटीज़ एंड एंटी करप्शन आर्गेनाइजेशन टीम को भी बताई।