*अमवा बाजार में कवियों एवं शायरों ने बांधा समां*
रिपोर्टर *सिरजेश कुमार यादव *
जिले के कुशीनगर
विकास खण्ड रामकोला के ग्राम अमवा बाजार में कवि सुनील चौरसिया 'सावन' एवं अर्चना चौरसिया 'राधा' के तिलकोत्सव पर सोमवार की रात में विराट कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया। वरिष्ठ कवि मधुसूदन पांडेय की अध्यक्षता में डॉ. इम्तियाज़ समर ने 'उनका आंगन उदास रहता है, जिनके घर बेटियां नहीं होतीं।' तथा मशहूर शायर अर्शी बस्तवी ने 'जो आईने की तरह दिल को साफ रखते हैं, उन्हीं से लोग इस्तेलाफ रखते हैं' सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। कवि बेचू बीए ने वो मन के मतवारे पंछी, कब आएगा गांव?, भोजपुरी कवि उगम चौधरी ने 'कईसे के कहीं पतोहिया बा बाऊर, बुढ़ीया पतोहिया से चारि जावा आऊर' , देवेश पाण्डेय ने 'होने वाली है शादी मेरे यार की, खतरे में है आजादी मेरे यार की' तथा युवा कवयित्री मीनाक्षी मिश्रा ने 'ए बबुआ दऊरा, आ गईल चुनाव नेता ना बनब... सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। हास्य कवि अवधकिशोर 'अवधू' के संचालन में मधुसूदन पांडेय ने 'नसवा के लतिया, संइया छोड़ि दीं अदतिया, मानि जाईं बतिया, नाहीं त होई संसतिया, मानि जाईं बतिया..., सत्येंद्र मिश्र ने 'गीता यह सिखाती है कि हिंसा एक बुराई है, पर धर्म के खातिर हिंसा हो तो बन जाती अच्छाई है' सुना कर कवि सम्मेलन को नई ऊंचाई प्रदान की। अश्वनी द्विवेदी के गीत पर श्रोता झूम उठे। आकाश महेशपुरी, नूरुद्दीन नूर, बलराम राय एवं अतुल मिश्रा की ओजस्वी कविता सराहनीय रही। मिथुन दुबे, उर्मिला देवी, रामकेवल चौरसिया, प्रभुनाथ चौरसिया , नर्मदा वर्मा, कमलेश, मनोज जायसवाल, कृष्ण मोहन, सन्दीप, चंद्रमोहन, शैलेन्द्र इत्यादि की उपस्थिति रही।