करगहर
सरस्वती बाल विद्यालय में मंगलवार को सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों ,शिक्षिकों व छात्र छात्राओं ने हिंदी दिवस मनाया। प्रधानाध्यापक अनिल मिश्रा ने विद्यार्थियों व स्टाफ को संबोधित करते कहा कि इस दिवस को मनाने का एक मात्र उद्देश्य हिदी भाषा को सम्मान और महत्व देना है।
इस दौरान सभी हिदी अध्यापकों ने विद्यार्थियों को हिदी के इतिहास व महत्व पर प्रकाश डाला।प्रधानाध्यापक ने कहा कि हिदी हमारी राष्ट्र भाषा है जिसकी वजह से हमारे शब्द दिल से निकलकर दिल तक पहुंचते हैं। राष्ट्रीय एकता की प्रतीक हिदी भाषा एक ऐसा मजबूत धागा है जो देश के लोगों को एकजुट करता है। इस मौके पर स्कूल के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार मिश्र, ने विद्यार्थियों व स्टाफ को हिदी दिवस की शुभकामनाएं दी।वहीं व्यवस्थापक व शिक्षक बब्लू राज के द्वारा प्रकाश डाला गया उन्होने कहा कि हिन्दी भाषा जो है गंगा की तरह पवित्र है, हिन्दी को सबसे पहले 14सिंतबर 1949 के दिन राजभाषा का दर्जा मिला था जिसके बाद हर साल इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते है देश जब 1947में देश अंग्रेजों से देश आजाद हुआ था तो देश के सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल खड़ा था ,सवाल यह था कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी होगी ,ये सवाल बेहद अहम था इसलिए काफी विचार करने के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा के रूप में चुना गया फिर संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया , मौके पर शिक्षक प्रमोद पांडेय, मो०शमशाद आलम ,रतन कुमार मिश्र ,रामनिवास शर्मा, धमेन्द्र कुमार शर्मा, शिक्षिका निशा कुमारी,गीतांजलि कुमारी ,अफसाना खातुन,काजल कुमारी, सहित सभी शिक्षक शिक्षिका व विद्यार्थी उपस्थित थे।