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अमर शहीद प्रजापति रामचन्द्र विद्यार्थी की जन्म जयंती पर आजादी के प्रथम शहीद को प्रजापति समाज के युवा नेता सह


 


 समाजिक कार्यकर्ता प्रजापति नंदकिशोर कुमार ने उन्हें शत शत नमन किया! और सरकार पर इतिहास में छेड़ छाड़ करने का आरोप लगाते हुए अमर शहीद के जीवनी के बारे में संक्षेप में वर्णन किए

रामचन्द्र विद्यार्थी का जन्म 1अप्रैल 1929 को उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के नौतन हतियागढ गांव में बाबूलाल प्रजापति के घर हुआ । रामचन्द्र विद्यार्थी सातवीं कक्षा में पढ़ते थे और आजादी के दीवाने थे । 9अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अंग्रेजों भारत छोडो आंदोलन का ऐलान किए थे और रामचन्द्र विद्यार्थी इस आंदोलन में कूद पड़े थे और उन्होने 14अगस्त 1942 को ही देवरिया के कचहरी पर तिरंगा फहरा दिए थे उसी समय अंग्रेजों ने उन्हें गोलीयो से भून दिया और उसी समय व शहीद हो गए । उन्होने मात्र 13वर्ष के उम्र में ही देश के लिए अपने जान दे दिए।

मगर खेद की बात है की इतिहास में इनके बारे में बहुत कम जानकारी है और ना ही सरकारी तौर पर इन्हे याद किया जाता है

प्रजापति समाज सरकार से मांग करता है बच्चों के सिलेबस में इनके जीवनी को शामिल किया जाय और सरकारी तौर पर इन्हे याद किया जाय। और इतिहास के सुनहरे पन्ने में अमर शहीद प्रजापति रामचन्द्र विद्यार्थी के नाम सुनहरे अक्षर में लिखा जाय।

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