उत्तर प्रदेश/लखनऊ-उन्नाव/ उत्तर प्रदेश में दलितों की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हाथरस और बदायूं के बाद अब उन्नाव की जघन्य घटना इसका प्रमाण है। न्याय मांगने पर पीड़ितों की आवाज दबाने का काम हो रहा है। इस असुरक्षित माहौल में उन्नाव की घटना में बची बेटी का बेहतर इलाज और उसकी सुरक्षा जरूरी है। उन्नाव मामले की स्वतंत्र एजेन्सी से निष्पक्ष जांच हो, परिवार को मुआवजा मिले, फास्टट्रैक कोर्ट चलाकर दोषियों को सजा मिले, तीसरी बच्ची की जान को बचाने के लिए यदि योगी सरकार अच्छा और पर्याप्त इलाज नहीं करा पा रही है तो तत्काल एयर लिफ्ट कराकर पीड़िता को दिल्ली भेजें, केजरीवाल सरकार पीड़िता का इलाज कराने को तैयार है। बची हुई तीसरी बेटी की हालत की प्रशासन ठीक से जानकारी नहीं दे रहा है, उसकी जान को भी खतरा है ।
केजरीवाल सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र कुमार गौत्तम ने शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने के बाद ये बातें कहीं। वहां आम आदमी पार्टी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव और उन्नाव जिला अध्यक्ष हर्ष प्रताप सिंह, प्रदेश प्रवक्ता हुदा जरीवाला के साथ वहां पहुंचे थे।