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*डी ए वी के छात्र आदित्य की जघन्य हत्या के छः दिन बाद भी नही हुई गिरफ्तारी,अभिभावकों में असंतोष*।

 


*छात्र आदित्य की हत्या में स्कूल बस के ड्राइवर खलासी की हो सकती है संदिग्ध भूमिका*।


*सघन अनुसंधान से आ सकती है सच्चाई सामने।*


*डी ए वी प्राचार्य को मिला धमकी भरा पत्र।*

सासाराम (रोहतास) स्थानीय डी ए वी पब्लिक स्कूल के नौ वीं कक्षा के छात्र आदित्य नारायण पांडेय की संदिग्ध हत्या ज़हर दे कर शनिवार को कर दिया गया था जिसकी जांच शिवसागर थाना कर रही है।

मृतक छात्र के पिता रवि भूषण पांडेय जिला मंत्री क्रीड़ा भारती,सचिव रोहतास जिला कबड्डी संघ अभी सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में कामख्या सिंह नगर थानाध्यक्ष सासाराम, सुभाष कुमार प्रभारी थानाध्यक्ष शिवसागर सह इस केश के अनुसंधानकर्ता एवं एक महिला पुलिस अधिकारी आये थे, उन्होंने मेरे पुत्र आदित्य के कमरे की जांच किये एवं उसका मोबाईल साथ लेते गए।दोनो अधिकारियों ने मृतक के पिता को आश्वस्त किया कि अपराधियों की पहचान जल्द कर ली जाएगी।

उनसे मिलने एवं सांत्वना देने के लिये लोगों का तांता लगा हुआ है। सूत्रों की माने तो इस केस की अनुसंधान शिवसागर थाना के अलावा नगर थाना सासाराम भी संयुक्त रूप से कर रही है।विद्यालय के अन्य छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि


स्कूल बस के ड्राइवर खलासी से भी सख्ती से पूछताछ  होनी चाहिये क्यों कि दोनों की भूमिका संदिग्ध है।ड्राइवर खालसी उक्त छात्र को उसके स्टॉपेज से आगे क्यों ले गए,और जब छात्र आदित्य आगे चला गया तो उसे दूसरे जगह क्यों उतारा गया।इधर कुछ छात्र के अभिभावकों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि विद्यालय के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंटल के बगल वाली सीढ़ी के दीवाल पर प्राचार्य को संबोधित करते हुए धमकी भरा पत्र चिपकाया हुआ था, जिसमे  रवि पांडेय के पुत्र की हत्या का जिग्र किया गया था, जिसे विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से हटा कर प्राचार्य को दिखाया गया। प्राचार्य डॉ बिरेन्द्र कुमार भी इसे गंभीरता से नही लिया और ना ही इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दिया जो बहुत ही चिन्तनीय एवं सोचने की बात है, कि एक घटना घटने के बाद भी विद्यालय प्रबंधन इस धमकी भरा पत्र को हल्के में ले रहा है।

फजलगंज रुट के 18 नम्बर बस के बच्चों ने भी नाम नही छापने या बताने के शर्त पर बताया कि आदित्य बेदा के आगे तक जाते देखा गया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी अभी तक नही आई है।

इन सभी तथ्यों को देखते हुए लगता है कि अगर पुलिस अनुसंधान में तत्परता नही  दिखाएगी तो निश्चित रूप से षडयंत्र कर हत्या में शामिल अपराधी साक्ष्य को मिटाने में सफल हो जाएंगे।और मृतक आदित्य नारायण की आत्मा न्याय के लिये भटकती रहेगी।

अभिभावकों का कहना है कि अगर अपराधी नही पकड़े जाते हैं तो अपराधियों का मनोबल बढेगा एवं मासूम छात्रों को अपना शिकार बनाते रहेंगे।

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