रफीगंज 14 जनवरी : चेंव केे देवकली डैम पर मकर संक्रांति के अवसर पर मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मेला एवं कार्यक्रम का उद्घाटन जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी, चेंव पचायत मुखिया प्रतिनिधि धनंजय कुमार शर्मा एवं नगर वार्ड पार्षद राजेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। समदर्शी ने कहा कि मकर संक्रांति ऋतु और नक्षत्र के बदलाव का पर्व है। पौराणिक परंपराओं में मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य की उपासना और दान पुण्य के कार्य माने गए हैं। यह पर्व ज्योतिषी संदर्भो से जुड़े होने के कारण भी इसका सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। सूर्य सबके जीवन और प्रकृति दोनों को प्रभावित करता है। सभी जीवों के जीवन का आधार सूर्य हैं। दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने अपनी नए फसल के उपलक्ष्य को भी जोड़कर मानते हैं। किसान से लेकर सभी वर्गों के लोग इस त्यौहार को मनाते हैं। लोग पहले अपनी धान की नई फसल से चूड़ा स्थानीय बाजार में बनवाते थे, लेकिन अब तो कारपोरेट घरानों के द्वारा निर्मित चूड़ा का उपयोग करने लगें है जो आगे चलकर आत्मघाती साबित होगा चकाचौंध की दुनिया में किसान इसेे समझ नहीं पा रहे हैं।
समदर्शी ने आगे विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि किसानों के खिलाफ सरकार द्वारा लाई गई तीन कृषि कानून किसान विरोधी है। सरकार को बिहार से संदेश देने के लिए किसानों को आवाज बुलंद करना चाहिए। नही तो किसानों की हालत सर्कस के शेर की तरह हो जाएगा। शेर सर्कस के पिंजरे से आजाद होने पर भी उम्मीद लगाए रहता कि कोई आएगा और मुझें खाना परोसेगा और अन्त में उसकी शक्ति समाप्त हो जाती है और उसे मारा हुआ समझकर कुत्ते भी नोंचने लगता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम प्रसाद यादव एवं संचालन भोला प्रसाद वर्मा ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से शिवानी मिर्जापुरी एवं बिहार औरंगाबाद के अखिलेश कुमार यादव, ममता शर्मा की गायकी का लुफ्त स्वभाव एवं दर्शकों ने पूरे दिन उठाया। कलाकारों का नेतृत्व ब्यास कवि लालेश्वर यादव ने की। इस मौके पर किसान नेता कृष्णा यादव, रामचंद्र यादव, अभय कुमार सिंह, द्वारिका नाथ वर्मा, बालेश्वर यादव उर्फ गुरुजी, सर्जुन महजर, अनिल कुमार, मुन्ना कुमार, सुभाष कुमार, रंजीत शर्मा, पप्पू कुमार, संजय कुमार, रमेश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहें।