चंडीगढ़,12 दिसम्बर, आज समूचे देश में जहां लड़कियां सफलता हासिल कर आसमान की ऊंचाइयों को छू रही हैं और परचम लहरा रही हैं वहीं दूसरी तरफ इन्हें प्रताड़ित किया जाता रहा है व अन्य यातनाओं का सामना भी करना पड़ता है, कुछ समय पूर्व महिलाओं को घर से निकलने में भी डर लगता था क्योंकि समाज में मौजूद कुछ गलत तत्वों के द्वारा उन्हें छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता था और यही नही ब्लात्कार जैसे जघन्य अपराध का भी सामना करना पड़ता था लेकिन इसके बावजूद महिलाओं द्वारा ऐसे अपराध का शिकार होने के बाद कोई कदम नही उठाया जाता था, या पीड़िता द्वारा खुदकुशी कर ली जाती थी। जिसका मुख्य कारण परिवार की बदनामी रहा है ऐसा केवल ज्ञान के अभाव में होता था लेकिन आज महिलाओं को आत्मसम्मान की रक्षा के लिए किसी पर निर्भर होने को जरूरत नहीं है क्योंकि समाज मे आज महिलाओं की रक्षा के लिए प्रावधान जारी कर सख्त कानून व्यवस्था स्थापित की गई है।
लेकिन बावजूद इसके बलात्कार की घटनाएं दिन ब दिन बढ़ रही हैं क्योंकि आज भी लड़कियां ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने से डरती हैं या फिर किसी सहारे पर निर्भर करती हैं। वहीं समाज में बढ़ रही इन घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए राष्ट्रीय भ्र्रष्टाचार नियंत्रण एवं जनकल्याण संगठन द्वारा महिलाओं को आत्मरक्षा ट्रेनिंग बेंगलुरु और कर्नाटक से शुरुआत कर दी गई है। जोकि के. वसंथा,प्रदेश अध्यक्ष (नागरिक सुरक्षा प्रकोष्ठ) जोकि भारतीय सेना में एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो एनएसजी पद से सेवानिवृत्त हैं के द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पूरे राज्य में अलग अलग जगह कैम्प लगाकर महिलाओं को आत्मरक्षा ट्रेनिंग दी जाएगी।
वहीं इस बारे जानकारी देते हुए सङ्गठन राष्ट्रीय मुख्य सचिव रंजीत वर्मा ने कहा कि संगठन द्वारा महिलाओं को आत्मरक्षा ट्रेनिंग से साथ साथ और भी योजनाओं का लोकार्पण किया जाना है। वहीं उन्होंने कहा कि जल्द ही चंडीगढ़ में भी महिलाओं के लिए आत्मरक्षा ट्रेनिंग सेंटर खोल दिया जाएगा।