Type Here to Get Search Results !

पटाखों का प्रयोग पर्यावरण ही नहीं मानव स्वास्थ्य के लिहाज से भी नुकसानदेह

 


- दीपावली में पटाखों का करें कम से कम प्रयोग, अपनों की सेहत व पर्यावरण सुरक्षा का रखें ध्यान 

- अस्थमा, टीबी व कोविड के मरीजों की सेहत प्रभावित होने का है खतरा 


अररिया, 10 नवंबर 


कोरोना संक्रमण के खतरो को देखते हुए पिछले दिनों दुनियां भर के देशों में लगाये गये लॉकडाउन ने भले तमाम देशों की अर्थव्यवस्था व सामाजिक ताना-बाना को प्रभावित किया हो लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह बेहद सुखद रहा. लॉकडाउन की अवधि के दौरान पर्यावरणीय स्थिति में जो सुधार देखा गया वह बीते कई सालों व जलवायु परिवर्तन से जुड़े तमाम वैश्विक समझौतों के बाद भी नहीं हो सका. फिलहाल जब दीपावली व छठ जैसे महापर्व सामने हों तो पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा बेहद जरूरी हो जाता है. आखिरकार अधिकांश भारतीय त्यौहार हमारे आस-पास उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिये ही मनाया जाता है. दीपावली व छठ जैसे त्यौहार के मौके पर आतिशबाजी का बहुत पुराना चलन रहा है. हर साल दीपावली के मौके पर करोड़ों रुपये के पटाखे इस्तेमाल किये जाते हैं. लेकिन वैश्विक महामारी के इस दौर में मनाया जाने वाला यह त्यौहार हमसे आत्म अनुशासन में रह कर त्यौहारों की खुशियां आपस में बांटने की अपील करता है. क्योंकि पटाखों के प्रयोग से तेज आवाज, अत्यधिक तेज रोशनी व अपने साथ धूंओं का गुबार छोड़ता है. जो कोरोना ही नहीं बहुत तरह के गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज के साथ-साथ पर्यावरण से जुड़ी कई गंभीर चुनौतियां भी पेश करता है. 


आत्म अनुशासन में रह कर दीपावली मनाना हम सब के लिये जरूरी :


सिविल सर्जन डॉ रूपनारायण कुमार बताते हैं कि हालिया शोध में ये स्पष्ट हो चुका है कि पटाखों से निकलने वाला धूंआ व प्रदुषण आमजन के साथ-साथ कोरोना संक्रमित व्यक्ति ही नहीं कोरोना से ठीक हो चुके लोगों की सेहत पर भी गंभीर नाकारात्मक प्रभाव छोड़ सकते हैं. जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा फिलहाल कम नहीं हुआ है. हर दिन संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं. इतना ही नहीं लगभग आठ हजार जिलेवासी जो हाल में ही संक्रमण की चपेट से मुक्त हुए हैं. वे भी अब तक अपने बेहतर स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उन सभी की सेहत का ध्यान रखते हुए इस बार दीपावली के मौके पर पटाखों के प्रयोग से बचने के लिये हमें सचेत करते हैं. ऐसे में हमें अपने व अपने परिजनों के स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं के कारण आत्म अनुशासन में रह कर दीपावली का त्योहार मनाना हम सब के लिये जरूरी है. सिविल सर्जन ने बताया कि पटाखों के प्रयोग से कोरोना मरीज ही नहीं अस्थमा, टीबी व हृदय रोगी व हाई ब्लड प्रेशन के मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 


लोगों की सेहत पर बुरा असर डालता है पटाखों में मौजूद सुक्ष्म कण :



पटाखों के प्रयोग से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में पूछे जाने पर सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक जीतेंद्र प्रसाद कहा कि दीपावली का त्यौहार अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है. लेकिन इन दिनों दमा, सीओपीडी, एलर्जिक रोगों से पीड़ित लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ जाती है. पटाखों में मौजूद सुक्ष्म कण सेहत पर बुरा असर डालता है. पटाखों की धूंआ से फेफड़ों में सूजन की समस्या आ सकती है. इससे आर्गेन फेलियर का खतरा होता है. इसके धूंआ के कारण अस्थमा व दमा के मरीजों को अटैक आ सकता है. सांस से जुड़ी समस्या वाले लोगों को प्रदूषित हवा से बचने की जरूरत है. पटाखों में मौजूद लैड पार्टिकल हर्ट अटैक के खतरों को पैदा करता है. सांस के माध्यम से धूंआ शरीर में प्रवेश करने से खून का प्रवाह प्रभावित हो सकता है. इससे व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार हो सकता है. इतना ही नहीं गर्भवती महिलाएं व बच्चों को भी पटाखों की शोर व धूंआ से बच कर रहने की जरूरत है. धूंआ खास कर बच्चों में सांस संबंधी समस्या का कारण बनता है. शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है. इससे बच्चों का विकास प्रभावित होता है. पटाखों का रंग बिरंगा बनाने के लिये इसमें रेडियोएक्टिव व जहरीले पदार्थ मिलाये जाते हैं. इससे एक तरफ हवा प्रदुषित होता है. तो दूसरी तरफ ये कैंसर के खतरों को भी बढ़ाता है. पटाखों का धूंआ सर्दी जुकाम व एलर्जी का कारण बन सकता है. 


वायु प्रदषण बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों में होता है इजाफा :


पीटीआई से संबंध वरीय पत्रकार व प्रसिद्ध पर्यावरणविद सूदन सहाय की मानें तो पटाखों के प्रयोग से ध्वनी प्रदुषण तो होता ही है. साथ ही इससे वायु प्रदुषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. पटाखों के धूंओं में कॉपर, लैड, जिंक, सोडियम, मैग्निशियम, कैडमियम, सल्फर डाइ ऑक्साइड व नाइट्रोजन ऑक्साइड सहित अन्य जहरीले गैस मिले होते हैं. जो मानव स्वास्थ्य के लिये बेहद हानिकारक है. फिलहाल जब पूरा विश्व कोरोना जैसे वैश्विक महामारी का दंश झेल रहा हो तो हमें इन त्यौहारी समय में पटाखों के प्रयोग को लेकर थोड़ा संयम बरतने की जरूरत है. जितना संभव हो इसके उपयोग से बचने की जरूरत हैं. 


त्यौहार के समय संक्रमण से खतरों से बचाव के लिये करें ये उपाय: 


- लोगों से आपसी मेल-मिलाप के वक्त शारीरिक दूरी का ध्यान रखें

- हमेशा फेस मास्क का उपयोग करें

- थोड़े-थोड़े समयांतराल बाद हाथों की सफाई साबुन या सैनिटाइजर से करते रहे

- जहां-तहां थूकने से परहेज करें

- बार-बार अपने नाक, कान, मूंह आदि को छूने से परहेज करें

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.