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विपरित परिस्थितियों में धैर्य व संयम का थामा दामन, संक्रमित होकर भी निभायी अपनी जिम्मेदारी

 


- मजबूत हौसले के साथ संक्रमण के उबरे डीपीएम  

- संक्रमण के समय सफलता पूर्वक निभायी अपनी जिम्मेदारी, अब संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को कर रहे है जागरूक 


अररिया: 12 अक्टूबर


कोरोना संक्रमण का यह दौर हमारे स्वास्थ्य अधिकारियों के लिये अब तक बेहद चुनौतिपूर्ण रहा है. क्योंकि संक्रमित लोगों की देखभाल के समय खुद संक्रमण की चपेट में आकर उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लेकिन अपनी जिम्मेदारियों का बोध व जनमानस की सेवा के प्रति उनके जज्बे के दम पर हम इस वैश्विक महामारी को कड़ी चुनौती देने में अब तक बेहद सफल रहे हैं. चर्चा उस दौर की है जब जिले में वैश्विक महामारी कोरोना अपने चरम पर था. हर दिन सैकड़ों मरीज संक्रमण की चपेट में आ रहे थे. उस मुश्किल दौर में भी एक ऐसे व्यक्ति थे जिनके कंधों पर अररिया जिले के स्वास्थ्य प्रबंधन की जिम्मेदारियों का बोझ हो, उनकी चुनौतियों का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है. हम बात कर रहे हैं अररिया के जिला स्वास्थ्य प्रबंधक रेहान असरफ की जो स्वयं अभी-अभी संक्रमण की चपेट से बाहर निकले हैं.


डीपीएम रेहान कहते हैं कि एक-एक दिन कई क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण, मरीजों को उपलब्ध सुविधाओं की पड़ताल सहित सरकारी दिशा निर्देशों के अनुपालन के दौरान ही अचानक एक दिन उन्हें सर्दी-खांसी के साथ-साथ हल्के बुखार होने का एहसास हुआ. तो फिर उन्होंने कोविड-19 के जांच कराने का निर्णय लिया. और जांच के बाद रिपोर्ट पॉजेटिव आने की सूचना मिली. रेहान के शब्दों में कहे तो सूचना मिलते ही उन्हें लगा मानों उनके पांव तले जमीन खिसक गयी हो. कुछ देर बेसुध अपनी जगह पर पड़े रहे. लेकिन अपनी हिम्मत नही हारी. परिजनों को इसकी सूचना दी और मजबूत हौसले व दृढ इच्छाशक्ति के दम पर उन्होंने इस वैश्विक महामारी को हराने की ठान ली. 



सर्दी-खांसी व बुखार के साथ, खत्म हो गयी स्वाद व गंध की अनुभूति:

संक्रमण काल के दौरान की चर्चा करते हुए डीपीएम रेहान अशरफ़ कहते हैं कि शुरू में उन्हें सर्दी-खांसी के साथ हल्का बुखार महसूस हुआ, लेकिन धीरे-धीरे किसी चीज के स्वाद व गंध की अनुभूति भी खत्म हो गयी. मन में चिंता होने के साथ ही निराशा भी होने लगा था. घर में बुजुर्ग मां, भाई, पत्नी व दो छोटे-छोटे बच्चे की सेहत से जुड़ी चिंताएं परेशान करने लगी. इस मुश्किल दौर में खुद को अपने ही घर में कोरेंटिन करने का निर्णय लिया. शुरूआती दो-तीन दिन बेहद मुश्किल से गुजरा. आंखों से नींद का गायब होना, तो मन में पूरी तरह से बेचैनी थी,मेरे करीबी दोस्त महीम मोबाइल पर ही हाल-चाल जान कर संतुष्ट थे. नसीहत व सुझाव तो मिल ही रहे थे. लेकिन अपनी मन:स्थिति को काबू में रख पाना मुश्किल था. 



मुश्किल है, घर में रह कर घरवालों से दूरी बनाना: 

डीपीएम रेहान ने अपने उस मुश्किल वक्त को याद करते हुए बताते हैं कि घर में रह कर घर वालों से दूरी बनाये रखना बेहद मुश्किल व चुनौती भरा काम होता है. लेकिन अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिहाज से इसे जरूरी मानते हुए उन्होंने सख्ती पूर्वक इसका अनुपालन किया. परिवार के लोग आते तो कमरा के दरवाजे से ही हाल-चाल पूछते, खान-पान के समान कमरे के बाहर रख दिये जाते थे. वह दौर तो बहुत मुश्किल था. फिर महसूस हुआ कि अपने प्रयासों के दम पर ही इस मुश्किल दौर से बाहर निकला जा सकता है. 


खुद को अपने कार्यो में व्यस्त रखकर नकारात्मक विचारों को दिया मात:

अपनी नकारात्मक पर अगर फतह पानी हो तो इसका सबसे आसान उपाय खूद को व्यस्त रखना है. डीपीएम रेहान कहते हैं कि उस मुश्किल दौर में उन्होंने इसे अपना मूल मंत्र माना. और तमाम चुनौतियों व बाधाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने खूद को अपने कार्यों में इस कदर व्यस्त रखा कि नकारात्मकता उनके आस-पास भी न भटक सकी. इसका फायदा यह हुआ कि विभागीय कार्यों का निष्पादन समय पर होता रहा. लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रही. मुश्किल दौर में भी अपने कार्य व जिम्मेदारियों के निवर्हन से आत्मविश्वास को इस कदर बढ़ावा मिला कि चंद दिनों के अंदर ही महामारी ने अपने घुटने टेक दिये.



महामारी खत्म हुई तो इसके दुष्प्रभाव से निपटने में लगा वक्त: 


संक्रमण के दौर में अपनी मन:


स्थिति को नियंत्रित करने के लिये उन्होंने योग व प्राणायाम का सहारा लिया. गरम खाना-पानी के साथ नींबू का नियमित सेवन ने महामारी से जल्द उबरने में मददगार साबित हुआ. रिपोर्ट निगेटिव आने तक वे शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो चुके थे. इससे उबरने के लिये उन्हेंने अपने डाइट पर खासा ध्यान देना शुरू किया. हर साग-सब्जी, फल, ताजा भोजन को प्रचुरता से अपने आहार में शामिल किया. संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. ऐसे में लोगों को जरूरी सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि महामारी की चपेट में आने से बचने के लिये लोगों को मास्क का सेवन, सोशल डिस्टैसिंग का ध्यान रखना तो जरूरी है ही साथ में अपने खान-पान में विटामीन सी, दूध, हरी साग-सब्जी को प्रमुखता से शामिल करते हुए योग व मेडिटेशन को अपने दैनिक जीवन में शुमार करके हम खुद को व अपने परिवार को इस वैश्विक महामारी की चपेट में आने से काफी हद तक बचाने में कामयाब हो सकते हैं.



कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने की हैं जरूरत: 


-समाजकी दूरी बनाकर करें अपना काम.


-जब भी घर से निकले तो चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं.


-बेवजह बाज़ारों में न जाये. जाना ही हो तो पूरी तरह से अपने आपको रखें सुरक्षित.


-अपने हाथों में गलप्स जरूर पहने.


-हल्का तबियत खराब होने पर चिकित्सक से जरूर देखाये.

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