Type Here to Get Search Results !

मजबूत आत्मविश्वास व दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर अस्पताल प्रबंधक ने दी कोरोना संक्रमण को मात

 


संक्रमित होने के बावजूद निभाई अपनी जिम्मेदारी

योग प्राणायाम व पौष्टिक आहार का सेवन महामारी को मात देने में सहायक


अररिया, 19 अक्तूबर 

कोरोना संक्रमण के इस दौर में कई ऐसे स्वास्थ्य कर्मी भी हैं, जो इस वैश्विक बीमारी से लोगों के बचाव कार्यों के दौरान खुद भी संक्रमण की चपेट में आ गये. बावजूद इसके उन्होंने अपने जिम्मेदारियों के सफलता पूर्वक निर्वहन करते हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि इस मुश्किल चुनौती का मजबूती से मुकाबला कर रहे हैं. ऐसे ही एक स्वास्थ कर्मी में सदर अस्पताल के प्रबंधक विकास आनंद का नाम भी शामिल है. चर्चा उस दौर की है जब जिले में महामारी अपने चरम पर था. हर दिन सैकड़ों मरीज जांच कराने व संक्रमण की चपेट में आ कर इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे थे. इसी क्रम में अस्पताल प्रबंधक एक दिन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए संक्रमित हो गये. तबियत बिगड़ी तो सहयोगियों की सलाह पर जांच कराया. बकौल विकास रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबर सुनते ही उनके आगे निराशा के बादल छाने लगे. अपनी आपबीती साझा करते हुए विकास कहते हैं- पहले तो कुछ समझ नहीं आया. फिर हिम्मत बांध कर इस चुनोती से सख्ती से मुकाबला का निर्णय लिया. दिमाग में चिंता व निराशा घर कर रहा था. परिवार के लोगों के सेहद की चिंता परेशान कर रहा था. ऐसे में अस्पताल के चिकित्सक व अन्य सहकर्मियों का भरपूर सहयोग ने हिम्मत दी. उन्होंने खुद को अपने घर में कोरेंटिन करने का निर्णय लिया. शुरूआती दो-तीन दिन बेहद मुश्किल से गुजरा. शुरू में सर्दी-खांसी व बुखार की शिकायत थी. बाद में स्वाद व गंध की अनुभूति भी खत्म हो गयी. शुरू के एक दो दिन तो बेहद बेचैनी में गुजरा बाद में धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होता चला गया.

 

स्वास्थ्य कर्मी सहयोगी व मित्रों का मिला भरपूर सहयोग


संक्रमण काल से उबरने में परिवार वालों का साथ तो मिल ही. मित्र, सहयोगी व अस्पताल के वरीय अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिला. दोस्त लगातार फोन पर हाल चाल जान रहे थे. जरूरी नसीहत और उनका सुझाव मिल रहा था. अस्पताल के चिकित्सक और अन्य सहयोगी भी लगातार संपर्क में थे. जरूरी स्वास्थ्य सुविधा समय पर मिल रहा था. जो इस विपरीत घड़ी में से उपरने में बेहद कारगर साबित हुआ. 


विपरीत परिस्थितियों में खुद को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती


निराशा के आलम में खुद को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती होती है. घर मे रहकर घरवालों से दूरी बनाये रखना भी आसान नहीं और जब घर मे छोटे बच्चे हों तो यह और मुश्किल हो जाता है. अस्पताल प्रबंधक विकास ने बताया कि परिजन और परिवार वालों के स्वास्थ्य के लिहाज से जरूरी मनाते हुए उन्होंने कोरेन्टीन के नियमों का सख्ती से अनुपालन किया. फिर ये महसूस होने लगा कि खुद के प्रयासों के दम पर ही इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकल जा सकता है.


नकारात्मक विचारों को मात देने के लिये खुद को अपने काम मे किया व्यस्त


अस्पताल प्रबंधक विकास ने कहा कि नाकारत्मक विचारों को मात देने का सबसे अच्छा तरीका है कि खुद को अपने काम मे व्यस्त रखा जाय. इसे महत्व देते हुए उन्होंने खुद को अपने काम में इस कदर व्यस्त कर लिया कि नाकारत्मक विचार उनके आस पास भी नहीं भटक सके. इसका फायदा यह हुआ कि विभागीय कार्यों का निष्पादन समय पर होता रहा. लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रही. मुश्किल दौर में भी अपने कार्य व जिम्मेदारियों के निवर्हन से आत्मविश्वास को इस कदर बढ़ावा मिला कि चंद दिनों के अंदर ही महामारी ने अपने घुटने टेक दिये.


योग प्राणायाम व स्वस्थ-खानपान से दी महामारी को मात 

अस्पताल प्रबंधक विकास ने बताया महामारी को मात देने के लिये उन्होंने नियमित रूप से योग प्राणायाम को अपने जीवन मे शामिल किया. इसके अलावा खान पान में पौष्टिक और इम्युनो सिस्टम बढाने वाले खाद्यय पदार्थ को शामिल किया. नियमित रूप से हरी साग-सब्जी, फल, ताजा भोजन को प्रचुरता से अपने आहार में शामिल किया. संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. ऐसे में लोगों को जरूरी सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि महामारी की चपेट में आने से बचने के लिये लोगों को मास्क का सेवन, सोशल डिस्टैसिंग का ध्यान रखना तो जरूरी है ही, साथ में अपने खान-पान में विटामीन सी, दूध, हरी साग-सब्जी को प्रमुखता से शामिल करते हुए योग व मेडिटेशन को अपने दैनिक जीवन में शुमार करना बेहद जरूरी है.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.