कानपुर 28 अक्टूबर पैगम्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) की यौम ए विलादत माह का चाँद निकलने के साथ ही मोहम्मदी यूथ ग्रुप के प्रोग्रामों की कड़ी मे खानकाहे हुसैनी में चादर चढ़ाकर मुल्क की खुशहाली-तरक्की अमनो-अमान व कोरोना के खात्मे की दुआ के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति पर नाराज़गी जताते हुए भारत की आवाम से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने व जशन ए चिरागां पर अपने घरों को सजाने व ईद मिलादुन्नबी पर भूखों को खाना खिलाने के कैम्प लगाकर वितरण करने की गुज़ारिश की।
दोपहर 2 बजे मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ओहदेदारान खानकाहे हुसैनी पहुंचे जहा हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह की गुलपोशी कर चादर चढ़ाकर दुआ की।
दुआ में हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन अल्लाह से अपने हबीब, मौला अली, ईद मिलादुन्नबी के सदके में मुल्क सूबे शहर में खुशहाली-तरक्की देने, अमनो-अमान कायम रहने, कोरोना वायरस से पूरी तरह निजात देने, बीमार लोगो को शिफा-तंदरुस्ती देने, जेलो में बंद बेगुनाहों की रिहाई में आसानी पैदा करने, रोज़ी रोज़गार में बरकत देने की दुआ की।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने पूरे आलम के रहमत के इमाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) जब धरती पर तशरीफ़ लाए तो उस वक्त समाज तमाम बुराइयों में लिप्त था, जिसमें शराबखोरी, जुआखोरी, लूटमार, वेश्यावृत्ति, बच्चियों के पैदा होने पर ज़िंदा दफना देना, पैसों के लिए कत्ल करना आम था इन तमाम बुराइयों को दूर करने व समाज में सभी को एक समान का दर्जा दिया, बुज़ुर्गों व महिलाओं को इज़्ज़त दिलाई वही बच्चों को शफकत बख्शी हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) ने इस्लाम को अखलाक व प्रेम की बुनियाद पर पूरी दुनिया में फैलाया व लोगो को शांति से जीवन बसर करने का पैगाम दिया। जब पूरी दुनियां ईद मिलादुन्नबी का जशन की तैयारी कर रही है उसमें हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) की शान में अभिव्यक्ति की आज़ादी का बहाना बनाकर गुस्ताखी करने वाले लोगों का बचाव करने वाले फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन इस्लाम के मानने वाले करोड़ो लोगो की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर भड़का रहे है फ्रांस पर नाराज़गी जताते हुए हिंदुस्तान की अमन पसंद आवाम से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने, जशन ए चिरागां पर अपने घरों को सजाने व ईद मिलादुन्नबी पर भूखों को खाना खिलाने के कैम्प लगाकर वितरण करने की गुज़ारिश की।
चादर व दुआ में इखलाक अहमद डेविड, हाफिज़ मोहम्मद कफील, फाज़िल चिश्ती, हाजी मोहम्मद शाबान, परवेज़ वारसी, मोहम्मद जावेद, एजाज़ रशीद, मोहम्मद हफीज़, अफज़ाल अहमद, लारैब रब्बानी, मोहम्मद रहमानी आदि लोग मौजूद थे।