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साफसफाई पर करोड़ो खर्च वाला बिक्रमगंज जिले में रहा फिसड्डी, नप की कार्यशैली पर लगने लगा सवालियां निशान,नगरवासी हो रहे शर्मसार

बिक्रमगंज।27 वार्डो वाला बिक्रमगंज नगर परिषद साफसफाई व स्वच्छता के मामले में सुंदर दिखने के लिए प्रत्येक माह अपने ऊपर करीब 24 से 25 लाख रुपया खर्च करता है। ताकि जिले के अन्य शहरों के अपेक्षाकृत स्वच्छ व सुंदर दिख सके।इस नप की सफाई की जिम्मेवारी उच्ची पहुच रखने वाले एक एनजीओ को कंधे पर कई वर्षों से है।जो अबतक इस एनजीओ को करोड़ो रुपया भूगतान किया जा चुका है।लेकिन साफसफाई पर करोड़ो रूपये खर्च करने वाला यह नप की सच्चाई का पोल स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट ने पटल पर रखकर नगरवासियों की आंखे खोलकर रख दिया और यह भी साबित कर दिया कि नगर परिषद भ्रष्टाचार की जननी है तथा नली गली ,साफसफाई आदि कार्य इसके पूर्णरूपेण कर लिए जाने का सारे दावे खोखला है।जारी इस रिपोर्ट से भले ही नगरकर्मी या जनप्रतिनिधि इतरा रहे हो लेकिन नगरवासी अपने को शर्मशार महसुस करने लगे है।समाचार पत्रों में बजाप्ता विज्ञापन प्रकाशित करने से लेकर सरकारी फाइलों में बिक्रमगंज को क्लीनचिट देने वाली शहर की सच्चाई धरातल पर कुछ और ही है।जबकि नौकरशाह व जनप्रतिनिधि साफसफाई व स्वच्छता का झूठा दम भरने से भी वर्ष भर नही हिचकते रहे ।नतीजतन जो स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 जारी की गई है, उदाहरण के तौर पर इसका जिताजागता प्रमाण है।जो बड़े पैमाने पर  भ्रष्टाचार की ओर अंकित व इशारा  करता है।बताया जाता है कि नगर परिषद बिक्रमगंज काफी जद्दोजहद के बाद स्वच्छता मामले में अपना तीसवां स्थान हाशिल करने में कामयाब रही है।वावजूद नप अपने को गौरवांवित महसूस कर रहा है।जबकि सूत्रों पर विश्वास करे तो इस समय नगर की साफसफाई पर एनजीओ को दी जारी चौबीस पच्चीस लाख राशि मे से करीब आठ से दस लाख ही राशि खर्च हो पा रहा है।शेष बन्दरबांट हो जाता है।नगरवासियों ने सर्वेक्षण रिपोर्ट पर गहरा खेद प्रकट करते हुए कहा कि शहर भले ही गंदगियों के ढेर पर बसा हो व टूटीफूटी सड़क, बजबजाती कच्ची नालियां एवं कच्ची पथों पर चलने को विवश हो तथा सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हो लेकिन नौकरशाह से लेकर जनप्रतिनिधियों का चेंबर व कार्यालय का सर्वेक्षण कराया जाय तो शायद बिहार में बिक्रमगंज नगर परिषद चकाचौन्ध के मामले में पहले नम्बर पर अव्वल आयेगा। शहर की हालत जैसी भी हो लेकिन कार्यालय के अंदर का स्वरूप व भब्ययता दूर से ही लोगो को अपनी ओर आकर्षित करने लगता है।एयरकंडिशनयुक्त लग्जरी गाड़ी ही नही बल्कि सारे सुविधाओं से सुसज्जित इनका दफ्तर भी है।जहा लोगो को गुमराह व दिग्भर्मित कर तनाशाही व अफसरशाही नीति अपनाकर जनता की गाढ़ी कमाई पर नुमाइंदे ऐशो आराम की जिंदगी फरमाते है।हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट जारी होते व बिक्रमगंज के तीसवें स्थान पर आने की चर्चा को ले राजनीतिक हलकों में भी यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है।उधर पूर्व विधायक राजेश्वर राज ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात कर नगर के अंदर क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं में मची लूटखसोट से अवगत कराकर उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करने की बाते कही है।वही भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा नप की कार्यशैली पर कड़ा एतराज जताते हुए नगरवासियों ने पत्र भेजकर इओ के सम्पति की जांच कर तत्काल सेवा से विमुक्त करने की मांग जोरशोर से सरकार से की है।

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