_पटना,(बिहार)_
_15-11-2025_
बिहार की राजनीति में उठी हलचल और जनमानस की बेचैनी की गूंज मतदान से एक दिन पहले ही लाल किले की प्राचीरों तक सुनाई देने लगी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीति इस वक्त निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। ऐसे में यदि राजद और समाजवादी पार्टी अब भी अपनी परंपरागत राजनीति के ढर्रे से बाहर नहीं निकलीं और मुसलमानों के साथ-साथ गैर–यादव पिछड़े वर्ग से नया नेतृत्व नहीं खड़ा किया, तो इन दलों का भविष्य भी उसी दिशा में जाता दिखेगा जहाँ कभी मजबूत रही बसपा आज संघर्ष कर रही है।
इन्हीं मुद्दों पर प्रखर और निशाने पर लगी टिप्पणी उत्तर प्रदेश प्रयागराज–झांसी खंड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी प्रत्याशी ख्वाजा शमशाद अहमद ने आज आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रखी।
ख्वाजा शमशाद अहमद ने कहा कि जन सुराज पार्टी ने बिहार की राजनीति में वह हलचल पैदा कर दी है, जिसकी प्रतीक्षा जनता वर्षों से कर रही थी। लोग अब सिर्फ चेहरे नहीं, बल्कि साफ नीयत और पारदर्शी नेतृत्व की तलाश में हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता पुरानी पार्टियों के ढकोसले, वादों और आधे-अधूरे काम से ऊब चुकी है और परिवर्तन की इस इच्छाशक्ति को नई ऊर्जा दे रही है जन सुराज जैसी राजनीतिक पहल।
उन्होंने यह भी कहा—
“बिहार की जनता अब विकल्प चाहती है, और जब जनता विकल्प मांगती है, तो इतिहास गवाह है कि सत्ता के बड़े किले भी आँख झपकते ही ढह जाते हैं। जन सुराज एक ईमानदार प्रयास है, इसे सिर्फ समर्थन ही नहीं, बल्कि सत्ता में उचित भागीदारी भी देनी चाहिए।”
ख्वाजा शमशाद अहमद ने इशारा दिया कि यदि जन सुराज पार्टी उत्तर प्रदेश में भी अपने पैर जमाने की कोशिश करती है,
“तो उत्तर प्रदेश के युवा हाथों में हाथ डालकर जन सुराज को एक बड़ी ताकत में बदल देंगे। नई सोच, नई ऊर्जा और स्वच्छ राजनीति की तलाश अब केवल बिहार तक सीमित नहीं है—यह पूरे प्रदेशों में उभर रही राजनीतिक चेतना है।”
इस अवसर पर सुनील कुमार शुक्ला (पूर्व सांसद प्रत्याशी, कुशीनगर) और रंजन कुमार सिंह (पूर्व प्रधान, बरहुला, अयोध्या) की उपस्थिति ने सम्मेलन को और भी प्रभावशाली बना दिया। दोनों नेताओं ने ख्वाजा शमशाद अहमद के विचारों का समर्थन किया और नई राजनीति की इस पहल को समय की मांग बताया।
