_रमेश ठाकुर - पश्चिम चंपारण,बिहार_
_दिनांक:- 02-06-2025_
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। देवरिया जिले की एक दिल दहला देने वाली घटना ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एक रेप पीड़िता की मां, जो मामले में मुख्य गवाह थी, की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना साफ दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों का मनोबल किस हद तक बढ़ गया है।
इस विषय में कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील कुमार शुक्ला ने प्रेस से बातचीत के दौरान तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "योगी सरकार के आठ वर्षों के शासन के बावजूद प्रदेश में आम जनता भयमुक्त नहीं हो सकी है, जबकि अपराधी पूरी तरह से बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। सरकार के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई अपने चरम पर है, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, और सरकार जिन रोजगारों का दावा कर रही है वे वास्तव में ‘मजदूरी’ हैं। प्रयागराज, लखनऊ जैसे शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सरकार के पास उनके लिए कोई स्थायी और गरिमापूर्ण रोजगार नहीं है।
श्री शुक्ला ने सरकार पर उद्योगपतियों और व्यावसायिक वर्ग को लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह सरकार केवल अमीरों और बड़े व्यापारियों के हितों की रक्षा कर रही है, क्योंकि इन्हीं वर्गों से सत्ताधारी पार्टी को भारी चंदा मिलता है।"
भ्रष्टाचार की स्थिति पर भी उन्होंने तीखी टिप्पणी की। उनका कहना था कि "आज जिस काम के लिए ₹100 खर्च होता था, वहां ₹1000 देने पड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार निवारण के लिए बनाई गई संस्थाओं में आम जनता का विश्वास नहीं है, और जो भी इसके खिलाफ आवाज उठाता है, उसे देशद्रोही करार देकर जेल में डाल दिया जाता है।"
अंत में श्री शुक्ला ने सरकार से अपील की कि वह अपनी प्राथमिकताएं बदले और आम जनता की सुरक्षा, रोजगार और अधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता में रखे, अन्यथा जनता का विश्वास उठता जाएगा।

