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*भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक मंगल पांडे को दी गई श्रद्धांजलि*

 


_रमेश ठाकुर - पश्चिम चंपारण,बिहार_

_दिनांक:- 08-04-2025_



भारत की आज़ादी की नींव रखने वाले प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी मंगल पांडे की 168वीं शहादत दिवस के अवसर पर सोमवार को राजकीयकृत उर्दू मध्य विद्यालय, नरकट घाट, गुलजारबाग में एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य एवं स्नातक विज्ञान शिक्षक सूर्य कान्त गुप्ता ने की।


इस अवसर पर मंगल पांडे के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। विद्यालय परिसर देशभक्ति के नारों से गूंज उठा – "वीर मंगल पांडे अमर रहें!"



श्री गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए मंगल पांडे के जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवां गांव में हुआ था। वे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में सिपाही थे। 29 मार्च 1857 को उन्होंने बैरकपुर छावनी में ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी बना। उनकी इस वीरता और बलिदान के लिए 8 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी दे दी गई। मंगल पांडे की यह बलिदानी गाथा आज भी हर भारतीय के हृदय में देशप्रेम की लौ जगाती है।


श्री गुप्ता ने छात्रों से आह्वान किया कि वे मंगल पांडे जैसे वीर सपूतों के बलिदान को हमेशा याद रखें और अपने जीवन में उनके आदर्शों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।


कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकगण शरफुद्दीन नूरी, विद्या झा, अजीज फातिमा, शाहीन नजमी, कनिज तैय्यबा, रेशमा खातून समेत अन्य कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने मौन धारण कर शहीद मंगल पांडे को नमन किया और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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