`बिहार में ठप हो सकता है स्वच्छता अभियान, विभाग की उदासीनता से आक्रोशित हैं हजारों कर्मी`
_रमेश ठाकुर - रामनगर पश्चिम चंपारण,बिहार_
_दिनांक:- 10-04-2025_
बिहार भर में चल रहे लोहिया स्वच्छता अभियान को बड़ा झटका लग सकता है। राज्यभर के संविदा कर्मियों ने 13 सूत्री मांगों को लेकर 8 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। इसके पहले 7 अप्रैल को राजधानी पटना सहित सभी जिलों में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। यदि समय रहते सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो स्वच्छता अभियान की गति पूरी तरह से ठप हो सकती है।
बिहार लोहिया स्वच्छता अभियान संविदा कर्मी संघ के अनुसार, संघ के प्रतिनिधिमंडल ने दो बार विभागीय अधिकारियों से वार्ता की, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब तक किसी भी मांग पर अमल नहीं किया गया। इसी के विरोध में कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता चुना है।
ये हैं प्रमुख 13 सूत्री मांगें –
1. मानदेय का पुनरीक्षण
2. सेवाकाल को बिना शर्त 60 वर्ष तक बढ़ाया जाए
3. पद पर पुनः प्रत्यार्पण की सुविधा
4. फिटमेंट एवं अनुभव आधारित प्रोत्साहन
5. दुर्घटना अथवा मृत्यु पर लाभ का प्रावधान
6. गृह जिला या निकटतम जिले में पदस्थापन
7. वित्तीय अधिकारों एवं लैपटॉप पॉलिसी का लाभ
8. टीए/डीए का भुगतान
9. सेवा अभिलेख का संधारण
10. अधिकार विहीन प्रखंड समन्वयकों पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक
11. अतिरिक्त कार्य के लिए अतिरिक्त भत्ता
12. विभागीय कार्य के अलावा अन्य कार्यों में प्रतिनियुक्ति पर रोक
13. सेवा की स्थायीत्व की गारंटी
संविदा कर्मियों की इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चल रहे स्वच्छता कार्य प्रभावित होंगे। जनस्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को गंभीरता से लेकर निर्णय नहीं लिया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
संघ ने सरकार से अपील की है कि वह संविदा कर्मियों की जायज मांगों को शीघ्र स्वीकार करे, ताकि आम जनजीवन और सार्वजनिक स्वच्छता व्यवस्था पर कोई संकट न आए।
