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*मध्य प्रदेश के मैहर में जल संकट गहराने की आशंका, 210 सरकारी कुएं अतिक्रमण की चपेट में*

`रवींद्र सिंह मंजू सर, मैहर की कलम से`

_रमेश ठाकुर- पश्चिम चंपारण बिहार_

_दिनांक:- 04-02-2025_



मां शारदा की धार्मिक नगरी मैहर में ऐतिहासिक महत्व रखने वाले सरकारी कुएं आज अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। एक समय में जल संकट से निपटने के लिए बनाए गए इन कुओं की संख्या 210 थी, लेकिन अब अधिकांश कुएं कब्जा ग्रस्त हो चुके हैं, और कई का अस्तित्व ही खतरे में है।


मैहर राजघराने ने जल संकट से निदान दिलाने के लिए कुएं, तालाब और बावलियों का निर्माण करवाया था ताकि प्रजा को जल की समस्या न हो। लेकिन नगरपालिका के पुराने सर्वे के अनुसार, 210 सरकारी कुएं चिन्हित किए गए थे, जिनमें से अधिकतर पर अब अतिक्रमण हो चुका है। कई कुओं के चारों ओर अवैध निर्माण कर दिया गया है, जिससे वहां तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। वहीं, कुछ कुएं जो अब भी चालू हालत में हैं, वे भी रामभरोसे हैं।



मैहर के लोकप्रिय विधायक श्री श्रीकांत चतुर्वेदी, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती गीता संतोष सोनी, सभी वार्ड प्रतिनिधियों, कलेक्टर महोदया, जलकर विभाग और प्रशासन से निवेदन किया गया है कि सरकारी कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनकी सफाई और देखरेख सुनिश्चित की जाए।


रवींद्र सिंह मंजू सर ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता दी जाए और जल संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। समाजसेवियों का भी कहना है कि यदि इन कुओं को अतिक्रमण से मुक्त कर पुनर्जीवित किया जाए, तो मैहर में पानी की किल्लत को काफी हद तक कम किया जा सकता है।


यह कार्य बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्षता से किया जाना चाहिए। जल संकट से निदान दिलाना पुण्य का कार्य है, और प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए।


अब देखना होगा कि नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, वार्ड पार्षद, सीएमओ साहब और जनप्रतिनिधि इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं या फिर यह मुद्दा भी अन्य फाइलों की तरह धूल फांकता रह जाएगा।

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