_मिलते ही परिजनों में खुशियों के साथ मनाई जा रही दिवाली।_
_रमेश ठाकुर - बगहा पश्चिमी चंपारण,बिहार_
_दिनांक:- 01-12-2024_
डिजिटल मीडिया के माध्यम से वर्षों से भूले बिछड़े वृद्ध व्यक्ति को उनके परिजन से मिलवा दिया गया है।
बता दे की वृद्ध व्यक्ति अपने परिजनों से बिछड़ कर कई वर्षो पूर्व से लापता हो गए थे,जिनकी काफी खोजबीन की गई,कहीं आता और पता नहीं चल पाया। जिसके वजह से परिजन काफी निराशा रहने लगे थे।जिनको उम्मीद था कि अब वह फिर घर वापस लौट कर नहीं आएंगे जिनकी उम्मीद को VYN TIME की न्यूज़ ने सपने को साकार कर दिखाया है।
परिजनों की माने तो उनके गायब होने की यह दूसरी घटना है; पहली घटना जब वह अपने परिवार जनों की भरण पोषण के साथ जीविकोपार्जन के लिए अन्य शहरों में पलायन किया करते थे,इसी क्रम में उनके अपने घर लौट के दौरान रास्ते में ट्रेन से एक हादसा हो गया था,जिस वक्त भी यह कई महीने गायब हो गए थे।
तो वहीं दूसरी घटना अपने घर से बिना बताए निकले और कई वर्षों तक लौट कर वापस नहीं आए।
बता दे की गायब हुए वृद्ध व्यक्ति की पहचान बगहा प्रखण्ड स्थित चखनी रजवटिया पंचायत निवासी पट्टू गिरी के रूप में की गई,जो अपने तीन बच्चे दो बेटियां एक बहु पत्नी और मां भाई बहन सहित कई लोगों को त्याग कर कहीं निकल गए थे जो वर्षों से पश्चिम बंगाल में रह रहे थे, जहां VYN TIME टाइम की खबर के भनक लगते ही उनके वीडियो को उनके परिजन से चिन्हित करवाया गया,तत्पश्चात परिजनों ने उनकी पहचान कर ली जिनको VYN TIME के संपादक के पहल से साथी उनके गाइडलाइन के माध्यम से उनके परिजनों को पश्चिम बंगाल भेजकर चिन्हित करते हुए उन्हें वापस अपने गांव गिराव सुरक्षित ला लिया गया है जिनके घर खुशियों की दिवाली मनाई जा रही है।
वही उनको देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ उमड पड़ी है।बड़ी मुंह कई बातें लोग कई तरह की बात कर रहे हैं।
चखनी रजवटीया पंचायत के मुखिया लालबाबू उर्फ रवि रंजन यादव तथा सरपंच प्रतिनिधि छविलाल यादव ने बताया कि यह बहुत बड़ी सफलता की बात है जो इतने दिनों से भूले बिछड़े अपने परिजन से मिले हैं जिन्होंने VYN TIME की सराहना की है।
यह एक डिजिटल मीडिया का देन है जो किसी भूले बिछड़े परिवार को मिलवाने का काम किया है।आज के जगत में डिजिटल मीडिया जो सबसे पहले सबसे तेज खबर को लोगों तक पहुंचाता है,जिन्होंने बताया कि उनकी पारिवारिक स्थिति दयनीय होने के कारण परिवार सक्षम नहीं था कि वो बंगाल तक पहुंच पाए और अपने पिता या पति को वापस अपने घर ला पाते।