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*"संविधान का पालन करना और लोगों को न्याय दिलवाना हम सभी का कर्तव्य!"- एपी पाठक*


 _रमेश ठाकुर_ 

 _रामनगर-नरकटियागंज, प०चम्पारण(बिहार) 7-12-2024_ 


भारत सरकार में ऊंचे ऊंचे पदों को सुशोभित करनेवाले पुर्व नौकरशाह तथा बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक ने संविधान दिवस पखवाड़ा के अवसर पर युवाओं के नाम संदेश में संविधान को पालन करने और विचारों की अभिव्यक्ति पर जोर दिया है।

उन्होंने सार्वजनिक जीवन को अपनाने वाले युवाओं,प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ,युवतियों और व्यक्तिगत लक्ष्यों के तरफ अग्रसर युवाओं को संविधान का सदैव पालन करने पर जोर दिया है।

उन्होंने मिडिया से बात करते हुए कहा कि चंपारण के युवा और युवती होनहार है।चाहें प्रतियोगी परीक्षाओं का परिणाम हो ,सोशल मिडिया हो अथवा विचारों की अभिव्यक्ति जो राष्ट्रवाद और समाजवाद का मूलक हो ऐसे गंभीर और उपयोगी विषयों को धारण करनेवाले हमारे चंपारण के युवा है।

चंपारण की मिट्टी में जन्मे लोग देश को नई दिशा और दशा देते है।

उन्होंने सार्वजनिक जीवन को अपनाने वाले राजनीतिक और सामाजिक लोगों से अपील किया कि संविधान और उसके व्याख्या पर टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

आपको बताते चलें कि बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक सदैव ही अपने अनुशासन और युवाओं के चरित्र और उनके नैतिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहें है।

उन्होंने अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से पिछले डेढ़ दशकों में सैकड़ों कैंपों के माध्यम से लोगों की समस्या को लिया और उसका निराकरण संविधान और कानून के हिसाब से करवाया।

गरीबों को सरकार की योजनाओं में शामिल करवाना,भ्रष्टाचार और माफियागिरी को कुछ हद तक रोकथाम करने और पीड़ितों को न्याय दिलवाने का काम बाबु धाम ट्रस्ट की लीगल सेल के माध्यम से हुआ।

हाल ही में कुछ दलितों को उनकी जमीन दिलवाना और दलित लड़की को इंसाफ दिलवाना आदि काम एपी पाठक ने अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से किया।

विगत वर्ष में वाल्मिकीनगर के थारू समाज के दर्जनों मजदूर जो दूसरे प्रदेश में बंधुवा मजदूर बनके बंधक हो गए थे उनको संविधान के दायरे में ही पुलिस और प्रशासन से पहल कर एपी पाठक ने उनकी घर वापसी कराई थी।

विषयगत ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि एपी पाठक गरीबों और पीड़ितों के मसीहा के रूप में जनमानस के बीच काम करते ही है अपितु संविधान के प्रहरी के रूप में चंपारण के युवाओं को नई सोच के साथ उनके अंदर देश,समाज और संविधान के प्रति प्रेम और कर्तव्यबोध का भाव पैदा भी करते है और उनकी मदद भी करते रहते है।

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