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*बिहार के उज्जवल भविष्य निर्माण के प्रति आशान्वित गार्गी पाठशाला*

 


_रमेश ठाकुर - नरकटियागंज रामनगर पश्चिमी चंपारण,बिहार_

_दिनांक:- 16-11-2024_


*गार्गी पाठशाला* के बच्चों को देखकर *यात्री मन* बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य निर्माण के प्रति अत्यंत आशान्वित हो जाता है चूंकि यहाँ योगदान कर रही *विदुषियों के संकल्प एवं निष्ठा* को देखकर ऐसा प्रतीत होने लगता है कि मानो *विदुषी गार्गी वाचक्न्वी की प्रेरणा आज भी जीवंत हो और समाज की बौद्धिक जागृति हेतु प्रयासरत हो* । Let's Inspire Bihar के अंतर्गत वर्त्तमान में बिहार के 7 जिलों यथा पटना, बेगूसराय, खगड़िया, अररिया, मोतिहारी, दरभंगा तथा समस्तीपुर में *18 केन्द्रों* पर *गार्गी अध्याय* से जुड़ीं विदुषियों द्वारा निस्वार्थ भाव से आर्थिक रूप से वंचित बच्चों के हितार्थ नित्य *निःशुल्क शिक्षादान* किया जा रहा है ताकि बिहार का हर बच्चा *शिक्षित एवं स्किल्ड* बन सके । 22 मार्च, 2021 को जब अभियान का प्रारंभ हुआ था तब ऐसी पाठशाला की परिकल्पना भी नहीं थी परंतु विदुषियों के जुड़ने तथा उनकी दृष्टि के कारण 30 अप्रैल, 2022 को 3 केन्द्रों के साथ प्रारंभ गार्गी पाठशाला के आज 18 केंद्र स्थापित हो चुके हैं और निकट भविष्य में अनेक अन्य के स्थापना की प्रबल संभावना है ।

बिहार में वर्तमान में भले केवल 18 केंद्र ही कार्यरत हैं परंतु इनके पीछे दृष्टि यही है कि यदि बिहार के हर पंचायत तथा नगरीय वार्ड में भी इसी प्रकार से सक्षम व्यक्तियों एवं संस्थानों द्वारा *'अपने-अपने हिस्से के बिहार'* के प्रति दायित्वों का निर्वहन किया जाने लगेगा तो निश्चित ही विकसित बिहार का स्वप्न शीघ्र साकार हो सकेगा । यदि ऐसा नहीं हुआ और बिहार की एक बड़ी जनसंख्या आर्थिक अथवा सामाजिक अभाव या समस्या के कारण शिक्षा की ज्योति से वंचित रह जाती है तो निश्चित ही आने वाले समय में उनके द्वारा बिहार के विकास में अपेक्षाकृत योगदान संभव न हो सकेगा । अतः जाति-संप्रदाय, लिंगभेद एवं विचारधाराओं के मतभेद से परे उठकर हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि कोई शिक्षा से वंचित न रहे और गार्गी पाठशाला का तो नारा भी यही है कि *"अब हर बच्चा बनेगा हुनरवाला, क्योंकि आपके शहर में है गार्गी पाठशाला !"*

*बाल दिवस* के उपलक्ष्य में पटना के बी डी पब्लिक स्कूल में गार्गी पाठशाला के बच्चों के लिए आयोजित विशेष कार्यक्रम में मैंने सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभक्मनाएं दीं तथा सभी विदुषियों का अभिनंदन किया और कहा कि उनके द्वारा किए जा रहे योगदान की सराहना किन्ही शब्दों में संभव नहीं है और जितनी भी की जाए, अल्प ही होगी । मैंने आगे कहा कि विकसित भारत में विकसित बिहार का निर्माण महिलाओं के अग्रणी योगदान से ही संभव है और यह अत्यंत सुखद है कि गार्गी अध्याय आज बिहार में संकल्पित एवं प्रबुद्ध महिलाओं का प्रमुख वैचारिक एवं सामाजिक मंच बन चुका है जिसके अंतर्गत गार्गी पाठशाला केन्द्रों पर निःशुल्क शिक्षादान के अतिरिक्त वंचित महिलाओं के स्वरोजगार हेतु गार्गी कला कौशल केंद्रों तथा गार्गी कृत्या के माध्यमों से भी उत्कृष्ट प्रयास किया जा रहा है, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत है । करना है हर ग्राम-नगर के जन-जन तक प्रेरणा का प्रसार ! आइए, मिलकर प्रेरित करें बिहार ! *यात्रा गतिमान है !*

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