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*चंपारण रेंज के थानों में अभी नहीं दिख रहा है क्विक रिस्पॉन्स टीम का असर*

_(आखिर क्यों न बदल पा रही है पुरानी परंपरा)?_


_ठाकुर रमेश शर्मा_ 

_रामनगर पुलिस अनुमंडल_ 

_दिनांक  - 09-02 -2023_

_(मानवाधिकार एवं अपराध रिपोर्टर)_


बिहार के पुलिस महानिदेशक चाहे जिसको बना दिया जाए, परंतु बिहार पुलिस के अवर कर्मी 

डी.एस.पी,इंस्पेक्टर लेबल के अधिकारी अपनी रोटी सेंकने के चक्कर में अपने कार्यशैली कभी भी नहीं सुधार सकते। क्योंकि यहीं कार्यशैली उन्हें अपराधियों के संरक्षण में सुविधा प्रदान करती है। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस जो भी करती है उसे ड्यूटी का हिस्सा समझकर करती है। 

बगहा पुलिस जिला या बेतिया पुलिस जिले के थानों में टेक्निकल सेल में ध्यान नहीं दिया गया तो अभी भी पुलिस अनुमंडल में भगवान ही मालिक है। क्योंकि  C.C.T.V-कैमरे कुछ तो खराब है,और कुछ खराब कर दिए जाते हैं ताकि दलाल स्वछंद विचरण कर सके ।इन थाना क्षेत्रों में कुछ ऐसे प्राणी हैं जो प्रतिदिन थाने में दलाली के लिए आते हैं।कुछ तो चाटुकार एक दिन में पांच 


से दस बार आते हैं।

थानेदार के प्राइवेट नंबर पर एक नहीं दिन में दस बार फोन करते हैं। यहा तक DSP के निजी नंबर पर हमेशा चार से दस बार फोन कर आम आदमी में दहशत पैदा करते हैं। F.I.R ऑनलाइन है परंतु रामनगर थाना क्षेत्र में वर्ष 2023 को अभी F.I.R नंबर -41-42 ही 2 फरवरी तक अपडेट है,डाउनलोड नही किया जा रहा है।

जबकि रामनगर रतनपुरवा हत्या काण्ड जो पंचर मिस्त्री रेयाज अंसारी (25) उर्फ़ (गोलू) 

पुत्र - इशहाक अंसारी ।

ऐसे काण्ड जिसमे रामनगर थाना कांड सं० - 48/23दर्ज़ हुआ है।ये वही गोलू है जो वर्ष 2019 में आरती कुमारी हत्याकांड जगघन्य हत्या का आरोपी था। उस घटना के आलोक में रामनगर थाना कांड स ० 170/ 2019 भादबी की धारा 302 -120 (बी) के तहत जेल भेजा गया था। 

अभी फिर इस घटना के बाद अगले फरवरी 2023 दिन सोमवार की शाम पुनः एक 14 वर्षीय किशोर नासिर अली (पुत्र - बदरे आलम खां ) का शव डेनमरवा वाले धुस टोला स्थित मध्यविधालय के निकट आंगनबाड़ी केंद्र प्रांगण के सामने पड़ा मिला।यह हत्या चाकू से गोदकर किया गया प्रतीत हो रहा था। एक दिन के अंतराल में रामनगर थाना क्षेत्र  में अल्पसंख्यक युवाओं का हत्या।  रामनगर पुलिस जो हरिजन एक्ट से उभर कर  हत्याकांड तथा पोस्टमार्टम की सिरदर्दी झेलती नजर आ रही है। इन्हीं कामों में व्यस्त होकर पुलिसकर्मी थाने का रिकॉर्ड 1 सप्ताह पीछे चलाने पर मजबूर हैं। एफ आई आर रिकॉर्ड अपडेट नहीं रहने का कारण हमारे संवाददाता ने जानना चाहा तो प्रभारी अधिकारियों द्वारा जवाब मिला कि कुछ कर्मी  छुट्टी पर रहते हैं। इसलिए ऐसा सभी थाने में होता है। तथा मुझे कारणों की सही जानकारी नहीं है।

 अब तो बिहार के डीजीपी महोदय को शीघ्र ही इस F.I.R अपडेट स्टेशनडायरी मुद्दे पर संज्ञान लेने की आवश्यकता है। तभी सुधार होगा नहीं तो गलती एवं भ्रष्टाचार की गुंजाइश हमेशा रहेगी चंपारण के सभी थानों में । 

मिशाल के लिए पश्चिमी चंपारण में समस्तीपुर के बाद गर्भाशय (Utrus scame) प्रकरण । इसमें इसी रामनगर पुलिस अनुमंडल के थानों में अनेकों घटनाएं हुए। जिसमें मुख्य रुप से नरकटियागंज के धूम नगर में पटखौली के सुकेश पटेल की पत्नी अनीता देवी की इलाज के दौरान मौत अवैध नर्सिंग होम में हुई तथा कृषि बाजार रोड में तुमकड़िया की शोभा देवी अंबेडकर सदन वाला प्रकरण मथुरा चौक पर 13 जनवरी को गुप्ता अस्पताल में हुई थी मौत । पुनः21 जनवरी को निदान अस्पताल में भी जच्चा बच्चा जो लाल कोठी (सहोदरा) की मौत हो गई थी। अंबेडकर सदन अस्पताल के डॉक्टर की डिग्री क्या है इसकी जांच तो रिश्वत के बल पर डॉ अशोक कुमार ने मैनेज कर लिया है। इन सभी मामलों में अब तो रामनगर में हरी नगर से सुबह-सुबह आम जन मानस हिंद चौक आकर फब्तियां कसती नजर आ रही है। वही दूसरी तरफ सनखर चौक, नरैनापुर रोड, डीएसपी ऑफिस के सामने अमन क्लीनिक के बाहर आकर लोग मजाक उड़ाकर कहते है - राम राम जी !  

तो दूसरा चार बार जरूर बोल रहा है- राम राम जी! राम राम! फिर तीसरा बोलता है - अरे भाई! 

 उस अमन वाले क्लीनिक मकसूद आलम साहब जो (झोलाछाप डॉक्टर है) उनका क्या हुआ? फिर दूसरा बोलता है - अच्छा रामनगर थाना केस नंबर 415 - 2022 का क्या हुआ ? तो  तीसरा बोलता है होना क्या था?  मकसूद आलम ने 500 - 600 रुपया किसी हिंदू के घर खर्च करा कर  सत्यनारायण भगवान का कथा करवा  शंख बजवा लिया। इसलिए ना उस प्रकरण में गिरफ्तारी भी नहीं हुई और अनंत काल के लिए इस गर्भाशय कांड से छुट्टी मिलने की उम्मीद बन गई है। तभी तो 31 जनवरी के बाद अमन क्लीनिक डंके की चोट पर खुलने लगा है।क्योंकि जमानत चाहे हाईकोर्ट से मिले ना मिले इसमें मकसूद आलम ने बेतिया जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत का 2722/2022 अर्जी  फाइल किया था।जिसमें 26-11 - 2022 को diaposed हो गया है। जिस प्रकार रामनगर में सत्यनारायण राम एवं अनंत राम एक ही बैच के पुलिस अधिकारी हैं तो एक रिटायर्ड हो गए दूसरे डीएसपी नहीं बन सके । क्योंकि यह अपनी अपनी  कार्यशैली है

तथा विभागिय कारण हैं।अब तो  संभवत अनंतराम भी डीएसपी बन ही जाएंगे।चंद दिन बाद या चंद महीने बाद । तो इस परिस्थिति में रामनगर का कमान अंचल निरीक्षक अर्जुन कुमार को मिल जाए तो काफी क्राइम कंट्रोल की संभावना बढ़ जाएगी । क्योंकि वाल्मीकि नगर (इंडिया नेपाल बॉर्डर)पूर्वी चंपारण (ढाका)तथा जेएसआई के रूप में  बेतिया पुलिस जिला के  संवेदनशील थानों के स्वक्ष छवि वाले थानेदार रह चुके हैं।  ऐसे में अगर बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी की निगाह चंपारण रेंज के इस रामनगर पुलिस अनुमंडल जो इसी  के जुडिक्शन में बरसो पहले  नरकटिया नरसंहार हुआ था। तत्पश्चात ही बगहा पुलिस जिला बना था। 

अब यहां महाभारत काल के अर्जुन की तरह रामनगर पुलिस अंचल में और अर्जुन कुमार  तो आ ही गए है परंतु धनुष और कमान नहीं मिली है थाने की। ठीक उसी प्रकार जैसे - अर्जुन के पास अज्ञातवास में तीर कमान नहीं था । अगर वक्त की नजाकत को देखा जाए और रामनगर की क्राइम पर संज्ञान लिया जाए तो हेडक्वार्टर का कमान मिल जाए तो अर्जुन कुमार को देने में जनहित में उचित ही होगा। ऐसा यहां के बुद्धिजीवियों का राय है।      


    बगहा S D M अनुपमा सिंह ने जिस प्रकार महिला उत्पीड़न को ध्यान में रखकर जनहित में 26 नवंबर 2022  को रामचंद्र नर्सिंग होम चौतरवा में  सील कारवाया था जो पुनः बिना आदेश के संचालित होने लगा है । 

पुनः जब S D M महोदया को जानकारी मिली तो उन्होंने S D P O कैलाश प्रसाद बगहा ,डॉक्टर S N महतो,बगहा C O को दंडाधिकारी के रूप में अभिषेक कुमार के साथ टीम भेजकर जब फरवरी 2023 के पहले सप्ताह में छापा करवाया तो डॉक्टर  निजामुद्दीन अंसारी पर अवैध नर्सिंग होम के विरुद्ध चौतरवा थाने में कांड दर्ज कराया। हालाकि मौके पर स्वास्थ्य कर्मी रिजवान अंसारी ही मिल पाया ।जिसने मोटा - मोटी जानकारी हासिल कराया । सबसे बड़ी बात यह है की एक महिला भारतीय प्रशासनिक अधिकारी द्वारा संज्ञान लेना और बाद में किसी दूसरे भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा बरी कर देना क्या आए दिन हो रहे छापों का मखौल नही है?

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