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*सरकार के करोड़ों खर्च के बाद भी अबैध नर्सिंग होम संचालन कब रुकेगी ?*

ठाकुर रमेश शर्मा(मानवाधिकार एवं अपराध रिपोर्टर),रामनगर-प०चम्पारण(बिहार)



सरकार चाहे किसी पार्टी की हो,भ्रष्टाचार निरोध महज एक खानापूर्ति है,जिसे कागजी प्रक्रिया भी कह सकते हैं। समस्तीपुर में वर्ष 2013 में गर्भाशय कांड हुआ था,कुछ लालची डॉक्टरों ने चंद रुपयों की लालच में नीरीह गरीब महिलाओ का गर्भाशय निकाल दिया था। उस समय महान जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने हेल्थ इंश्योरेंस नियम के तहत राष्ट्रीय बीमा योजना बिंदु पर जांच कर 316 महिलाओं का नाम सामने लाया था,जिसमें 17 निजी अस्पताल की संलिप्तता उजागर हुई थी। 

 भ्रष्ट नौकरशाहों के टालमटोल से लंबी जांच चली,अन्ततः प्राथमिकी दर्ज हुई। सुपरविशन उधोग के बैनर तले कुछ भ्रस्ट हाकिमों के कलम से उस प्रकरण संलिप्त कुछ अपराधी बरी हो गए।बचे हुए सलाखों के पीछे चले गए। 

      क्षणिक राहत पीड़ित परिवार को मिली थी। सर्व विदित हो कि कथित कड़क पुलिस अधीक्षक बगहा सैफुल हक्क ,जिन्होंने स्वविवेक से अपने पुलिस जिले में विगत वर्षों में अनेकों छापेमारी के साथ रामनगर हिंद सिनेमा रोड तथा सिधाव में भी छापेमारी किया था।कुछ उल्टा कुछ सीधा बाद में टॉय टॉय फिश ! परंतु केस अभी शायद चल रहा होगा।यानी अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता ?

    उस समय लगा था कि शायद देखा-देखी बगहा पुलिस जिले की तरह हमारे पश्चिमी चंपारण में किसी भी गरीब का गर्भाशय नहीं निकाला जाएगा। परंतु पुनः 23-08-2022 को रामनगर P.H.C के प्रभारी C.M.O डॉ चंद्रभूषण के नेतृत्व में तत्कालीन S.D.M दीपक मिश्रा के आदेश के आलोक में अवैध रूप से संचालित प्रमुख रूप से डीएसपी ऑफिस के सामने अमन हॉस्पिटल नारायणपुर रोड,दुर्गा नगर में संजीवनी,शिवांगी एवं सर्वजीत नर्सिंग होम पर छापा करके बहुत बड़ी कार्रवाई की गई है जिसके आलोक में रामनगर थाना का संख्या 415/2022 दिनांक 23-08-2022 को दर्ज है। इसमें अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है,अनुसंधान जारी है। इस प्रकरण में 04-11- 2022 को अग्रिम जमानत होनी थी जिसमें केस डायरी की मांग करते हुए अगली सुनवाई 19-11-2022 को होना है। इस हाईप्रोफाइल प्रकरण में पर्दे के पीछे कौन है,ये पता लगाना बहुत ही आवश्यक। पुलिस अनुसंधान के बाद ही कोर्ट में निर्णय होगा क्योंकि कोर्ट के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अपनी निगाहें पैनी बनाकर मामले की सूक्ष्म बिन्दूओ पर अनुसंधान करेंगे तभी आम जनता निरीह महिलाओं को न्याय मिलेगी।

    मुजफ्फरपुर के सकरा की सुनीता देवी के किडनी प्रकरण,फिर रामनगर के दुर्गानगर में ओम साईं नर्सिंग होम जिसमें 11 मरीज में से 7 कम उम्र की लड़कियां रही है। ऐसे में जब S.D.M बगहा श्रीमती अनुपमा सिंह एक महिला है,इसलिए महिलाओ का उत्पीड़न समझ सकती हैं। अब इस सभी मामले का अनुसंधान चम्पारण रेंज D.I.G(बेतिया) प्रणव कुमार प्रवीण के स्तर पर जांच होगा तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा तथा अबैध क्लिनिक वाले पुनः पैर नही फैलाएंगे। जो बहुत बड़ा महिला उत्पीड़न है गर्भाशय कांड,कब बन्द होगा यह धंधा ??

उचित तो तब होगा जब यह अभियान छापो का बेतिया अनुमंडल,नरकटियागंज अनुमंडल में सीघ्र किया जाए तभी तत्कालीन S.D.M साहिला हीर तथा बगहा तत्कालीन S.D.M घनस्याम मिना ने जिसपर रोक लगाया था, वे बिना किसी बड़े अधिकारी के आदेश पर सीघ्र संचालित किए जा रहे है,वह सबसे बड़ा जांच का मुद्दा है।जिसपर पटना हेडक्वार्टर तक कि निगाह क्यो नही पड़ती ?

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