Type Here to Get Search Results !

*अभियुक्तों के डर से छुप-छुपके रहते मुद्दई !*

_अपराध एवं विशेष संवाददाता (मानवाधिकार)_ 

 _बेतिया,प०चंपारण बिहार_


दर-दर भटकने के बाद भंगहा थानाध्यक्ष मुद्दई पर काफी नाराज चल रहे हैं। क्योंकि पीड़िता आखिर उच्च अधिकारियों के शरण में उनको आवेदन दिए बिना क्यों चली गई ?

कुछ वर्षों से कोई मामला जमीनी विवाद हो या ना हो। कोई केस कोर्ट में लंबित हो या ना पर पुलिस हर घटना- दुर्घटना को जमीनी विवाद की संज्ञा देती है। यह मामला कोई नया नहीं है,भंगहा थाना कांड संख्या-50/2022 का है।

इस प्रकरण में थानाध्यक्ष बिना प्रमाण के ही जमीनी विवाद बताकर अभियुक्तों को संरक्षण दे रहे हैं,उन्हें गिरफ्तार 20-10-2022 तक नहीं करने का वादा दलाल के माध्यम से किए। क्योंकि कथित दलाल पीड़िता के घर के आसपास घूम- घूमकर चर्चा करते हुए प्रत्यक्षदर्शी  है। इस केस के गवाहों के साथ अन्य ग्रामीण सुन चुके हैं। क्योकि इस केस में बेतिया कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए केस डायरी का मांग हुआ है। आखिर पुलिस ने सुविधा शुल्क लिया है तो 20-10-2022 तक कैसे गिरफ्तार करेगी ?

इतना ही नहीं, अभियुक्त कभी-कभी घर से बाहर रहते है, बल्कि दिन भर घर में छुपकर या रात में छुपकर रहते हैं। पुलिस इस प्रकरण में गलती से भी छापेमारी करने सुपरविजन के आलोक में नही जाती हैं।

 कुल मिलाकर थानाध्यक्ष अपनी नाराजगी लालबाबू साह पर दिखाते हुए अभियुक्तों के  जमानत तथा गिरफ्तार नहीं करने का बीड़ा उठाया है।



        पीड़ित परिवार काफी भयभीत है,क्योंकि थानेदार साहब कहते हैं "मेरे रहते पीरियड में अगर लालबाबू साह आ गया तो फर्जी केस में फंसा कर जेल एक बार जरूर भेजूंगा"। "क्योंकि उसने मेरे विरुद्ध बहुत शिकायत व्हाट्सएप के माध्यम से तमिलनाडु से हमेशा शिकायत करता रहता है,जिसका एक (टेप) यानी रिकॉर्डिंग प्रमाण भी है जो अधिकारियों तक पहुंच चुका है"।

                 अब देखना है कि इस 50/2022 केस भंगहा थाने वाले में पीड़िता को पुलिसिया स्तर पर क्या सहयोग मिल रहा है। 

हालांकि सर्किल इंस्पेक्टर साहब ने उच्च अधिकारियों के आलोक में न्याय कर ही दिया है। परंतु थानेदार गिरफ्तारी करने में अपने क्षेत्र का राजा होता है। जिसे मर्जी उसे जेल दिया और जिसे मर्जी उसे बेल दिया।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.