_ठाकुर रमेश शर्मा_
_रामनगर प०चंपारण (बिहार)_
भैया दूज का माखौल बना रहे है अल्पसंख्यक पुलिसवाले।
पूरे भारत मे भैया दूज का त्योहार बड़े धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है।इसी भैया दूज के बाद हिन्दू रीतिरिवाज में शादी के लग्न के साथ शुभ कार्य,गौना ब्याह होने लगता है।उसी के एक कड़ी में बगहा चखनी निवासी वरिष्ठ पत्रकार विजय विश्वकर्मा यानी
विजय शर्मा अपने परिवार के साथ अपने ससुराल जा रहे थे।दीवाली का अगला दिन जो परुआ कहलाता है आज के दिन कोई काम नही होता है।आज दोपहर 4 बजे से सूर्यग्रहण भी प0 चम्पारण के साथ-साथ पूरे भारत मे लगने वाला है,क्योंकि आंखों पर ग्रहण का रिफ्लेक्शन होता है उसके विकिरण से कई बार आंखों की रोशनी चली जाती है।इसी क्रम में मोहमदन होने के नाते ख़लील साहब जो सिविल ड्रेस में वाहन जांच कर रहे थे।इसी दौरान विजय शर्मा तथा उनके
परिवार के साथ बहुत दुर्व्यवहार किये।इतना ही नही उनकी ग्लैमर बाइक जिसका नंबर BR22AL1971 है,बगहा चौक पर पकड़ा तथा बोला- तुम विजय शर्मा बहुत अनाब-शनाब न्यूज़ लगाते हो,आज मैं तुम्हारा फाइन काटूँगा,अब तुम बिहार के डी०जी०पी० एस०के० सिंघल से फोन पर बात करके मदद ले लो क्योकि हम भी अपना
पुलिसवाला पावर दिखाते है।मेरे रिश्तेदार लोग बड़े अधिकारी है।कोई पटना में जज है और कई वकील भी हैं। हम फाइन कर रहे हैं,तुम्हें मेरा जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो। तुमने 3 अक्टूबर 2022 को हमारे वाहन जांच दल के विरुद्ध न्यूज़ भेजा था,जिसपर D.I.G चंपारण रेंज ने हमें फटकार लगाया था। उसका इन्तेक़ाम तुमसे मैं फाइन के रूप में ले रहा हूं।
सर्व विदित है कि विगत 3 अक्टूबर को बगहा पुलिस द्वारा वाहन जांच के दौरान घायल लोगों को मुख्य NH-727 यानी 29(B) पर घायल अवस्था में गिरा कर छोड़ दिया गया था,जिसको क्विक रिस्पांस टीम 112 द्वारा बगहा अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराया गया था। उस पुलिस दल यानी 112 नं० के टीम वालों के पास क्या मान्यता थी ? और पहली वाली टीम यानी घटना स्थल तिरहुत कनाल नहर चौक वाली टीम के पास मानवता क्यों नहीं थी ? असली पुलिस की क्वालिटी उन्हीं के पास थी जो भाग गए थे। कहीं उस टीम का नेतृत्व यानी कमान स्लिप टीम लीडर खलील अहमद ही तो नहीं थे ?
ज्ञात हो कि खलील अहमद रामनगर में दरोगा के रूप में बहुत वसूली किए हैं,जिसका मिसाल है। पटना में जमीन तथा आय से अधिक संपत्ति का अर्जित जो सीघ्र जांच का विषय है। खलील साहब हमेशा जांच के घेरे वाले ही काम करते हैं। इनका योगदान अगर गोबरहिया जैसे थाने में हो,तो जानवर तथा जंगल की रक्षा होती है।।
इतना ही नहीं, और भी पत्रकारों ने खलील साहब दरोगा से विजय शर्मा के बाइक छोड़ने के लिए प्रार्थना किया था,जिसे खलील साहब ने डांटकर धमकाया जिसका रिकॉर्ड पत्रकारों के पास साक्ष्य के रूप में मौजूद है। इस तरह चंपारण रेंज में नारायणी प्रेस क्लब के बोनाफाइड मेंबरों के साथ दुर्व्यवहार होगा तो आम नागरिक का क्या होगा ?
खलील साहब का एक महीने का कॉल डिटेल निकाला जाए तो पता चलेगा कि आम आदमी से कैसे बात करते हैं। उनकी उगाही तथा अनैतिक गतिविधियाँ रामनगर एवं दीगर थानों में जगजाहिर है।
भैया दूज त्यौहार बहनों का होता है। आजकल बहनें मोटरसाइकिल पर लगभग तीन लोग चलेंगे- पति,पत्नी एवं एक बच्चा। किस-किस का गाड़ी खलील साहब सब इस्पेक्टर पकड़ेंगे ?
अब तो D.I.G चंपारण रेंज के साथ बिहार के D.G.P एस०के० सिंघल को शीघ्र संज्ञान लेना होगा तभी आम लोगों का जनहित में कल्याण होगा।
👌👌
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