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*अतिक्रमण के मामले में दोहरी नीति क्यों* *?*

 


 __रामनगर, प० चंपारण_ 

 _17/अगस्त/2022__ 


रामनगर नगर परिषद की जनता जिलाधिकारी सहित मुख्यमंत्री "बिहार सरकार" से पूछना चाहती है कि आधे नगर के लोगों ने क्या कसूर किया था जो उनका घर दुकान टूट गया ।परंतु कुछ भ्रष्ट नौकरशाहों के मनमानी रवैया के चलते रिश्वत के बल पर आधे शहर के कुछ भागों को छोड़ दिया गया। रामनगर जैसे छोटे शहर में 'जब मर्जी जहां मर्जी अतिक्रमण करा दो-जब मर्जी हटा दो' नीति पर काम हो रहा है।

रामनगर अंबेडकर चौक से भैरोगंज बगहा रोड तथा रामनगर-नरकटियागंज रोड त्रिवेणी कनाल का दोनों किनारा काफी जोर-शोर से कब्जा कर लिया गया है।

भा० ज० पा० के जुझारू युवा नेता अभिषेक राय ने अपने बयान में बताया कि गोवर्धना-रामनगर रोड , हिंद सिनेमा रोड,भगत सिंह चौक काफी अतिक्रमण की चपेट में है,जबकि इस बाबत उन्होंने बगहा एस०डी०एम० को लिखित शिकायत भी किया था।बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का आदेश अतिक्रमण मुद्दे पर रेगुलर हैं तो प्रशासन महज नोटिस करके क्यों छोड़ दे रही हैं?

 जानकार बताते हैं कि प्रशासन लोगों को कानूनी जुगाड़ फिट करने का टाइम देती हैं।

 अब तो जिलाधिकारी बेतिया(प०चंपारण) ही संज्ञान लेंगे तभी अतिक्रमण के इस मुद्दे में कुछ हो पाएगा!

रामनगर-गोबर्धना रोड वैसे भी सामरिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है।

बॉर्डर रोड से इस मुख्य सड़क का बहुत बड़ा संबंध है।रामनगर क्षेत्र के एक सुलझे हुए वरिष्ठ पत्रकार तथा समाजसेवी स्टेट घराने के विशेषज्ञ ने अपने बयान में बताया कि बॉर्डर एरिया में इन दिनों एक खास समाज के लोग अतिक्रमण करने में मशगूल है,जिसपर कही भी दूर-दूर तक विशेषज्ञों का ध्यान नही जा रहा है।जो बहुत बड़े चिंता का शबब है।इसलिए अतिक्रमण मुद्दों पे अनदेखी करना बहुत ही बड़ा जंजाल है।जो बाद में असाध्य रोग बन जाता है।

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