✍️*रिपोर्टर सिरजेश कुमार यादव *✍️
एबीपीएसेस ने की घटना की सीबीआई जांच, मृतकों के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये मुआवजा, नौकरी की मांग
समाचार संकलन के दौरान मारे गए पत्रकार के घर जायेंगे एबीपीएसएस के पदाधिकारी
कुशीनगर।
प्रदेश में पत्रकार सुरक्षित नहीं, लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचला जा रहा है।
लखीमपुर कांड की अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति (एबीपीएसएस) घोर निन्दा करती है। घटना की सीबीआई जांच कराते हुए नैतिक जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए।
उक्त बातें प्रदेश कैम्प कार्यालय कुशीनगर से जारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रताप नारायण सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि
पत्रकार उत्पीड़न की घटनाएं तो चरम पर है ही अब आये दिन पत्रकार खबर कवरेज के दौरान अतिवादियों के शिकार हो रहे हैं और उनकी हत्याएं हो रही हैं।
रोज रोज पत्रकारों को फर्जी मुकदमों में बंछित कर दिया जा रहा है। यह दुर्भाग्य है पत्रकार समुदाय का कि आज तक पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं बना। पत्रकार समुदाय विभिन्न खेमों में बंटा हुआ है। छोटे बैनर बड़े बैनर का भेदभाव बनाकर प्रशासन ने पत्रकारों को बांट दिया है। पत्रकार विभिन्न संगठनों के नाम पर भी बिखरे हुए हैं। देश व प्रदेश मैं कोई जनपद ऐसा नहीं जो पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं से वंचित हो। पत्रकारों को मारने वालों से मैं पूछना चाहता हूं कि "अरे दरिंदों आईना को क्यों तोड़ रहे हो, पत्रकार तो सिर्फ आईना होता है।" श्री सिंह ने सीबीआई से कराने और मृतक पत्रकार के परिजनों एवं किसानों को एक - एक करोड़ रुपए तथा एक - एक परिजनों को सरकारी नौकरी की मांग की।