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स्वास्थ्य संस्थानों में महिलाओं व शिशुओं को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

 


सुमन कार्यक्रम के क्रियान्वन को सुनिश्चित करने का निर्देश

माता व शिशुओं को सकरात्मक तनाव मुक्त जन्म का अनुभव प्रदान करने में होगा सहायक

मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए किया जा रहा प्रयास

छपरा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत सुरक्षित मातृत्व अश्वासन (सुमन) कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाली सभी महिलाओं व शिशुओं को अनिवार्य रूप से सम्मानपूर्वक तथा उच्च कोटी की स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराया जाना है। यह कार्यक्रम माता तथा शिशु को सकरात्मक एवं तनाव मुक्त जन्म का अनुभव प्रदान करने में सहयोग प्रदान करेगा। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में प्रसूति महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि कभी-कभी महिलाओं की जान भी जोखिम में आ जाती है। किन्तु, अब प्रसूति महिलाओं को इन परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ेगा। मालूम हो कि अब इन महिलाओं को  सुरक्षित मातृत्व आश्वसन (सुमन) कार्यक्रम के तहत बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत ना सिर्फ महिलाओं की परेशानियाँ दूर होगी, बल्कि मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी और लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देंगे। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।


गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना:

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। किन्तु, जागरूकता के आभाव में कई बार समुदाय के लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। अब सुमन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, प्रसव के बाद छह महीने तक प्रसूति महिलाओं एवं उनके बीमार नवजात शिशु को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले सभी पीएचसी प्रभारी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। 


24 घंटे के अंदर देनी होगी मातृ मृत्यु की सूचना:

सुमन कार्यक्रम के तहत शत-प्रतिशत मातृ मृत्यु दर की रिपोर्टिंग का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सबसे पहले मातृ मृत्यु की सूचना देने वाले व्यक्ति को एक हजार रूपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। जबकि, मृत्यु के 24 घंटे के अंदर स्थानीय पीएचसी में सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता को भी दो सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावे इस संबंध में किसी प्रकार की परेशानी होने पर 104 टोल फ्री नंबर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। 


घर से अस्पताल तक पहुंचाने की होगी जिम्मेदारी:

सुमन कार्यक्रम के तहत प्रसव के बाद आवश्यकतानुसार बीमार प्रसूति और शिशु को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग लगातार ऐसी प्रसूति और शिशु का देखरेख करता हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता महिला के घर जाकर उनका स्वास्थ्य का हाल जानेगी और वर्तमान स्थिति की जानकारी स्थानीय पीएचसी को देगी। इन सेवाओं का शत-प्रतिशत लाभ लोगों मिले इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कार्यक्रम के तहत रेफरल सुविधाओं को और भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए किसी भी महत्वपूर्ण मामले की आपात स्थिति के एक घंटे के भीतर स्वास्थ्य सुविधा तक पहुंचने की गुंजाइश के साथ रेफरल सेवाओं का आश्वासन दिया जाएगा। जिसमें लाभार्थी को घर से अस्पताल तक पहुंचने के लिए एम्बुलेंस की भी सुविधा शामिल है। जटिलताओं के मामले एवं सिजेरियन प्रसव पर नि: शुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

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